Home Childhood Memoir by Gyan Pant
चौकोड़ी से केमू की बस पकड़ने की पुरानी याद
Posted By: Kafal Treeon:
दादा के घर से चौकोड़ी, गोल टोपी सी दिखती है. लगता है जैसे प्रकृति ने चोटी को ठंड से बचाने के लिए टोपी पहना दी हो. चढ़ाई पार करते हुए फूँ-फाँ होने लगी तो उन्होंने बताया कि पार वो जो गाड़ी आते... Read more
शहर लौटने से पहले आमा और पोते के मन का उड़भाट
Posted By: Kafal Treeon:
जगथली गाँव से दादा का संदेशा आया है कि बुधवार की सुबह पहली बस से निकलेंगे. गंगोलीहाट-हल्द्वानी वाली केमो आठ बजे से पहले ही चौकोड़ी लग जाती है. मुन्ना को जल्दी पहुँचा देंगे तो सुविधा होगी. एक... Read more
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