बेतालघाट में हेमलता की ऐपण वर्कशॉप
उत्तराखण्ड की ऐपण आर्टिस्ट हेमलता कबडवाल के निर्देशन में 10 दिन की ऐपण वर्कशाप का आयोजन बेतालघाट में किया गया. बेतालेश्वर सेवा संगठन द्वारा विकास भवन बेतालघाट में आयोजित इस प्रतियोगिता में आ... Read more
इस दिवाली हेमलता की ऐपण थाली
हल्द्वानी से भवाली होते हुए एक पक्की सड़क श्यामखेत से गुजरते हुए रामगढ़ के लिए चली जाती है. बहुत कम शोर और ट्रैफिक वाली इस सुनसान सड़क पर श्यामखेत के चाय बागानों को पीछे छोड़ने के कुछ समय बा... Read more
हेमलता कबडवाल ‘हिमानी’ उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर के एक गाँव सतोल की रहने वाली हैं. कुमाऊं के सभी बच्चों की तरह हिमानी भी ऐपण देखते हुए बड़ी हुई और जल्द ही इस पर हाथ भी आजमाने... Read more
अल्मोड़ा डिग्री कॉलेज में फाइन आर्ट द्वितीय वर्ष के छात्र हैं भास्कर भौर्याल. एक बेहतरीन चित्रकार. 19 साल की उम्र में ही भास्कर के हाथ जिस तरह से कागजों में पहाड़ी लोकजीवन का जीवंत चित्रण कर द... Read more
Popular Posts
- Mahadev Shiva : as an Ecologist of the Central Himalayas
- कल गंगा दशहरा है
- कुमाऊनी शैली में दोहे
- पहाड़ ठंडो पानी, सुण कति मीठी वाणी
- 30 मई 1930 : उत्तराखण्ड के इतिहास का रक्तरंजित अध्याय
- मुल्क कुमाऊँ को ढुंगो ढुंगो होलो
- सबकी नजरें उत्तराखंड के आकाश मधवाल पर
- भारत के अलावा और कहाँ मिलता है ‘काफल’
- नैनीताल की पहली यात्रा में एक स्थानीय के सिर पर पत्थर रख गये अंग्रेज
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : लम्बी सी डगर न खले
- उत्तराखंड में वनाग्नि की समस्या पर एक जमीनी रपट
- बकरी और भेड़िये
- 1 मई और रुद्रप्रयाग का बाघ
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगी धूप तुम घना साया
- खोज्यालि-खोज्यालि, मेरी तीलु बाखरी
- गुप्तकाल में कुमाऊं
- चाय की खेती की असीम संभावनायें हैं उत्तराखंड में
- पलायन : किसी के लिए वरदान, किसी के लिए श्राप
- कुमाऊनी लोक कथा : खाचड़ी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : धूप सुनहरी-कहीं घनेरे साये
- इस तरह द्वाराहाट में द्वारिका नगरी न बन सकी
- क्या 1940 में शुरू हुआ थल मेला
- सूखे आटे का स्वाद
- पहाड़ की ठण्ड में चाय की चुस्की
- कुमाऊनी जागर शैली में शिव सती विवाह की कहानी