इट इज़ नॉट ब्लाइंडनेस इट्स अ ब्लाइंडफ़ोल्ड
रिटायर होने के तीन माह पूर्व उनसे एक अनौपचारिक बातचीत थी. – अब तक कितने? – एक भी नहीं – कभी लगा नहीं कि इस क्रिमिनल को उड़ा दिया जाए? – बहुत सालों,... Read more
अपनी निगाह पर भी निगाह रखिये
आईपीसी में अपना बचाव करने का अधिकार है, न कर पाने का ‘अपराध’ नहीं है. कोई धारा नहीं जिसमें सेल्फ डिफेंस न कर पाने पर आपको सज़ा का प्रावधान हो. क्यों? क्योंकि अपराध को रोकने और अप... Read more
लिखना अपने होने को तस्दीक करना है Constitution Day Special Amit Srivastava हम क्यों लिखते हैं इससे पहले ये जानना ज़रूरी है कि वो क्या है जो हमें लिखने से रोकता है. कोई नियम, कोई क़ानून, कोड... Read more
सरलता जो सहजता में तरमीम होती है
संतोष कुमार तिवारी के काव्य संकलन ‘अपने-अपने दंडकारण्य’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी (Review of Santosh Kumar Tiwari Book Amit Srivastava) कवि का ये दूसरा काव्य-संग्रह है जिसमें जीवन की विविध भाव... Read more
गैरसैण एक शब्द है राजकोष का
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. आज हम इस मौके पर कुछ विशेष रचनाएं आपके सम्मुख प्रस्तुत करेंगे. अभी पढ़िए हमारे साथी अमित श्रीवास्तव की एक विचारोत्तेजक कविता. (Gairsain Poem Amit Sr... Read more
देहरादून में रहने वाले ग्यारह साल के बच्चे ने लिखी कविताओं की बड़ी किताब, देश भर में चर्चा
15 अगस्त 2008 को जन्मे दस साल के तथागत आनंद श्रीवास्तव देहरादून में रहते हैं. देहरादून निवासी डॉ. आनंद श्रीवास्तव और श्रीमती डॉ. रमा (ऋतु) श्रीवास्तव के इस होनहार बच्चे कविताओं की पहली किताब... Read more
[हाल में नैनीताल के बीरभट्टी के समीप हुए हादसे में दिवंगत हुए पुलिसकर्मियों को लेकर सोशल मीडिया के कुछ हिस्सों में जिस तरह की टिप्पणियां और प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं वे विचलित करने वाली थ... Read more
हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं
पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई तरह की पूछताछों, शिनाख्तों और अनुसन्धानों के बाद अपराधी का पता लगा लेती है. (Gahan Hai Yah Andhkara Review... Read more
दो पैसे की धूप चार आने की बारिश
दो पैसे की धूप, चार आने की बारिश कि जैसे अठन्नी की कला और सोलह आना खुशी दीप्ति नवल अदाकारा हैं, कवि हैं, पेंटर हैं, उनके जीवन में संगीत भी है और वो फिल्म निर्देशक भी हैं. इन सबके के साथ आप अ... Read more
बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में. आँखों में देखकर बातें नहीं कर रहा था वो. सामने मेज पर पर एल आई सी का टेबल कैलेण्डर था. उसकी तरफ शायद जून था. जून का एक चित्र था. चित्र में एक परिवार था.... Read more
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