Home Amit Srivastava Column
लपूझन्ना जादू है!
Posted By: Sudhir Kumaron:
किताब उठाते ही लगता है किसी जादूगर ने काले लंबे हैट में हाथ डालकर एक कबूतर निकाल दिया हो. किताब पढ़कर आप ख़त्म नहीं कर पाते. कबूतर के पंख हाथ में फड़फड़ाते हैं. किताब के सफ़हे दिलो-दिमाग पर... Read more
बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में
Posted By: Sudhir Kumaron:
बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में. आँखों में देखकर बातें नहीं कर रहा था वो. सामने मेज पर पर एल आई सी का टेबल कैलेण्डर था. उसकी तरफ शायद जून था. जून का एक चित्र था. चित्र में एक परिवार था.... Read more
नई सदी के दो दशकों का खोया-पाया
Posted By: Kafal Treeon:
हम नब्बे के दशक के लौंडो के लिए ट्वेंटी-ट्वेंटी शब्द युग्म एक सपने की तरह आया था. जितना हम उस दौर में अपने ख्वाब में ‘कभी लिंकिंग रोड कभी पैडल रोड’ पर रैन्देवू विथ रवीना टण्डन कर... Read more
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