झोली का नाम झोली ही कैसे पड़ा इस बारे में विद्वानों के अपनी अपनी बुद्धि और तजुर्बे के हिसाब से कई मत हो सकते हैं, जैसे मेरी अल्पबुद्धि कहती है कि ये मैदानी भागों में बनाए जाने वाले आलू के झो... Read more
हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो की डार’ के एक अध्याय को हरिद्वार में रहने वाली स्मिता कर्नाटक की आवाज़ में सुन... Read more
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