सफरनामा: लोहाघाट से नैनीताल तक
यात्रायें क्या हैं? किसी के लिए उदेश्यों की पूर्ति, किसी के लिए परिस्थितियों से भागना, किसी के लिए हवाख़ोरी, किसी के लिए नये परिवेश और वहां की ज़मीन और आब-ओ-हवा को समीप से महसूस करना. (Trave... Read more
गोल पहाड़ी की खांडेश्वरी देवी : मालदेवता, बनगांव
यात्रायें जीवन की तलाश हैं और इस तलाश का हासिल गतिमान होकर उस छोर को पकड़ना है जो चेतना के किसी स्थिर बिंदु पर आनंद व प्रकाश की अनुभूति प्रदान करता है. यात्राओं के दौरान चेतना सजग और जागृत ह... Read more
उत्तराखण्ड में टोपी पहनने का चलन कब शुरू हुआ?
सर्द मौसम है कभी बादल सूर्य को आगोश में ले लेते हैं कभी सूरज देवता बादलों को पछाड़कर धूप फेंकते यहां वहां नज़र आ जाते हैं, कभी पेड़ों के झुरमुट में, कभी आसमान में प्रचंड चमकते, कभी खेतों के प... Read more
कण्वाश्रम : जहां राजा दुष्यंत ने विश्वामित्र व मेनका की कन्या शकुंतला को देखा
“हिमालय के दक्षिण में, समुद्र के उत्तर में भारत वर्ष है जहां भारत के वंशज रहते हैं.” संभवतः मैं उसी जगह पर खड़ी हूं जहां हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत तथा शकुंतला के गंधर्व विवाह के... Read more
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