पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आया
पहाड़ और मेरा जीवन – 36 (पिछली कड़ी: मेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट भी आया) राजस्थान में मेरे पास सब था, मिट्ठू था, दोस्त थे, खेल थे, आवारगी थी, मां के हाथ का भोजन था,... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 34 (पिछली कड़ी: वो 26 रनों की यादगार पारी और लटक-लटक कर नाटे कद से छरहरा व लंबा बन जाना) राजस्थान में हमारे घर के आसपास तोते बहुत थे. मुझे बचपन से ही जानवरों के बच्चे बहु... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 34 (पिछली कड़ी:वो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में मेरा अविश्वसनीय गोल) आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को कलेजे से लगाकर रखते हैं. उन्हें कुछ भ... Read more
मैंने तोते की लाश को तो दफ्न कर दिया, पर उसे मारने का अपराध बोध जिंदा रहा
पहाड़ और मेरा जीवन – 32 पिथौरागढ़ में रहते हुए मैं बचपन और कैशोर्य का ऐसा बेहोशी भरा जीवन जी रहा था कि मेरे पास मेरे वर्तमान के अलावा और कुछ न था. मैं भविष्य के बारे में एक रत्ती नहीं सोचता... Read more
सुर्ख गालों पर तपिश लिए भरे बाजार जब मैंने अर्चना वर्मा को जीवन भर के लिए कहा गुडबाय
पहाड़ और मेरा जीवन – 31 अपनी सहपाठी अर्चना वर्मा के बारे में मैंने पहले भी जिक्र किया था और आज तो पूरी कथा ही उस पर लिख रहा हूं. इसके बाद मेरे पास उसके बारे में लिखने को कुछ और न रह जाएगा बश... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 30 मैं बचपन से ही थोड़ा बेपरवाह मगर बहुत स्वाभिमानी रहा हूं. बचपन में मैं रोता कम ही था. लेकिन एक-दो बार मैं जब रोया तो बहुत गजब तरीके से रोया. एक बार तो मैं मां से किसी... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन –29 हमारे परिवार के जम्मू से ठूलीगाड़ आने की वजह पिताजी थे, जिन्होंने फौज में अफसर बनने के सात असफल प्रयासों के बाद अपना मानसिक संतुलन खो दिया था. पिथौरागढ़ में जब मां काल... Read more
जब संजु वडके की अफसरों के बच्चों वाली साइकिल मैंने डोट्याल की टांगों के बीच घुसाई
पहाड़ और मेरा जीवन – 23 जैसा कि मैंने पिछली किस्त में आपको अपने दोस्त संजु वडके के बारे में बताया था कि उसके साथ रहकर मैंने बहुत कुछ सीखा. अगर वह मेरा दोस्त न बनता, तो मेरा आत्मविश्वास उस तर... Read more
आख़िर किस मिट्टी के बने होते हैं कमान्डो
2008 के मुम्बई हमले के बाद हमारे साथी और वरिष्ठ पत्रकार-सम्पादक सुंदर चंद ठाकुर ने अपने एक कमांडो मित्र पर यह लेख लिखा था. यह बताना अप्रांसगिक नहीं होगा कि सुंदर चंद ठाकुर स्वयं एक फौजी रह च... Read more
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