हर गांव में एक न एक मोहन दा जरूर होता है
मैंने मोहनदा को होश सँभालने के साथ-साथ देखा था. जैसे गाँव के अन्य दूसरे लोगों को देखा जाता है, पहचाना जाता है. बचपन में उनके प्रति मन में एक विचित्र भय-मिश्रित स्नेह रहा था. ऐसी भावना शायद औ... Read more
कोसी की सुसाट-भुभाट में पीछे पड़े एक अलच्छन ने पिरदा की बोलती हमेशा के लिये बंद कर दी
“मुक़र्रर (मुकद्दमे) की तारीख़ पड़ी थी पंद्रह, सोलह को यहाँ रेंजर सैप आने वाले थे. कचहरी में ही शाम हो गई. मैंने पिरदा से कहा-लौट चलते हैं घर, रात-बिरात पहुँच ही जाएँगे. अँधेरी रात थी,... Read more
शेखर जोशी की कालजयी कहानी ‘दाज्यू’
दाज्यू -शेखर जोशी चैक से निकलकर बाईं ओर जो बड़े साइनबोर्ड वाला छोटा कैफे है वहीं जगदीश बाबू ने उसे पहली बार देखा था. गोरा-चिट्टा रंग, नीला श़फ्फ़ाफ़ आँखें, सुनहरे बाल और चाल में एक अनोखी मस्... Read more
पहाड़ की क्लासिक प्रेमकथा : कोसी का घटवार
शेखर जोशी का जन्म 10 सितंबर 1932 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलिया गांव में जन्म हुआ. अनेक सम्मानों से नवाजे जा चुके हिन्दी के शीर्षस्थ कहानीकारों में गिने जाने वाले शेखर जोशी के अनेक कह... Read more
Popular Posts
- जब उत्तराखंड के जंगलों में भटके दयानन्द सरस्वती
- पहाड़ के गांवों में नाचने वाली ‘रफल्ला’ के जीवन की कहानी
- कठिन पद यात्रायें प्रकृति के करीब ले जाती हैं
- देहरादून में रहने वाले बारह साल के बच्चे की दूसरी किताब
- मेरी हरिद्वार यात्रा: भारतेंदु हरीशचंद्र का यात्रा-वृत्तांत
- तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ ले जाने वाला एक हेलीकॉप्टर जिसे सफेद चीटियां चट कर गयी
- दिल्ली से गांव लौटने की एक पुरानी याद
- हिमालय में जलविद्युत परियोजना के नाम पर नदियों-पहाड़ों का विनाश
- शिवलिंग का पूजन उत्तराखंड के इस धाम से शुरू हुआ था
- रहस्यमयी रूपकुंड से जुड़ी कहानियां
- ईश्वर के अस्तित्व पर महात्मा गांधी का अनमोल भाषण
- चटोराबाद में मोहिनी से भेंट
- थल में नदी किनारे छक्के लगाने वाली श्वेता वर्मा का बल्ला अब भारत के लिये बोलेगा
- किसानी के बूते पद्म श्री प्राप्त करने वाला एक पहाड़ी: प्रेम चंद शर्मा
- पहाड़ में राजस्व के साथ पुलिस भी संभाले पटवारी
- शेरदा अनपढ़ और नरेन्द्र सिंह नेगी की जनप्रतिनिधियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी
- बगुवावासा: रूपकुंड यात्रा का एक पड़ाव जहां से आगे पानी बहना भूल जाता है
- दो सौ वर्षों के इतिहास को समेटे एक पुस्तक ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’
- यारसा गुम्बा : उत्तराखंड के बुग्यालों में मिलने वाली सोने से ज्यादा कीमती जड़ी
- भिटौली से जुड़े कुमाऊनी लोकगीत
- यह कविता तुम्हें हारने नहीं देगी
- दानै बाछरै कि दंतपाटी नि गणेंदन्: मातृभाषा दिवस विशेष
- आई भगवान ज्यूनै छन: मातृभाषा दिवस विशेष
- पुन्यों सी उजली देबुली और नरिया के जीवन की एक झलक
- आज है कैप्टन धूम सिंह चौहान की 135वीं जयंती