मिलिये पहाड़ में सरकारी स्कूल के तीन बच्चों से जिनकी फर्राटेदार अंग्रेजी वाले वीडियो से पूरा देश प्रभावित है
सामान्यरूप से किसी भी कलाकार को उसके जीवन का पहला मंच उसका स्कूल होता है. पहाड़ के कलाकारों की तो स्कूल, होली और रामलीला जैसे स्थानों में मजबूत नींव पड़ती है. पिछले कुछ दिनों से सोशियल मीडिया... Read more
“सन्तोष जोशी विजयपुर कांडा, बागेश्वर में शिक्षक हैं. कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया के माध्यम से जान पहचान हुई. फिर 3 दिन पहले उन्होंने झिझकते हुए एक वीडियो भेजा कहा कि भाईसाहब मैँ भी बच्... Read more
पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़
एक तो बचपन ऊपर से वो भी गांव का. अलमस्त सा. घर वाले गालियों से नवाजते थे, और ‘भूत’ हो चुके चाचाजी, जो भी उनके हाथ लगता रावल पिंडी एक्सप्रैस की स्पीड में दे मारते. और उनका निशाना... Read more
बागेश्वर जिले में शहर से डोबा-धारी-गिरेछिना से सोमेश्वर को एक पतली सी सड़क बनने से अब ज्यादातर लोग इसी मार्ग से आ-जा रहे हैं हालांकि बरसातों में सड़क बंद होने के अंदेशे से इस मार्ग में आने-ज... Read more
वर्ष 1930. नैनीताल में विमला देवी, जानकी देवी साह, शकुन्तला देवी (मूसी), भागीरथी देवी, पद्मा देवी जोशी तथा सावित्री देवी स्वाधीनता आन्दोलन में बहुत सक्रिय थीं. यही साल था जब विमला देवी ने ‘ब... Read more
सरयू नदी कुमाऊँ की गंगा है
सौंग से लगभग 40 किमी दूर नंदाकोट पर्वत पूर्वी हिस्से के दक्षिण की तरफ से प्रवाहित होती है. सरयू के स्रोत को सरमूल (सहस्त्रधारा) कहा जाता है. नंदाकोट पर्वत का ही एक हिस्सा सरयू और पिंडर घाटी... Read more
घूमने का मौसम है, यात्राओं का मौसम है. उत्तराखंड में भीड़ बढ़ रही है ऐसे वक्त कुछ सुकून के पल ढूँढने के लिए हमने इस बार एक ऐसी घाटी का रुख किया जिसकी खूबसूरती के बारे में बहुत सुन रखा था लेक... Read more
नौलिंग देवता और सनगड़िया मसाण की कहानी
भगवान मूल नारायण ने अपने दोनों पुत्रों बज्यैण और नौलिंग को अपने से समान दूरी पर भनार और सनगाड़ भेजा था. नौलिंग देवता जब सनगाड़ पहुंचे तो वहां की प्राकृतिक छटा से इतने प्रभावित हुए कि वहीं रहने... Read more
नंदाकोट पर्वत की तलहटी कुमाऊँ की प्रसिद्ध नदियों, सरयू व गोमती के तट पर बसा है दानपुर परगना. 1997 में बागेश्वर जिले में शामिल किये जाने से पहले तक दानपुर अल्मोड़ा जिले का हिस्सा हुआ करता था.... Read more
शहरी कोलाहल से विक्षिप्त होकर जब भागना होता है तो उत्तराखंड ही याद आता है. ये खुद को बचाए रखने का संघर्ष है. कोई अपना घर गाँव छोड़ कर शहर भाग रहा है और कोई शहर से गाँव की ओर. दोनो के अपने-अप... Read more
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