इस सदी का सबसे सुंदर चांद अल्मोड़े से
दुनिया में जितनी दफ़े सौन्दर्य पर लिखा गया होगा उतने बार चांद को दोहराया गया होगा. आज भी दुनिया भर में चांद पर जीतने गीत गुनगुनाये जाते हैं शायद उतने किसी और चीज पर. चांद का दूसरा मतलब ही सुन... Read more
2020 के पहले खूबसूरत हिमपात के बाद अल्मोड़ा के सिमतोला, कसार देवी और बिनसर का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है. चाहे वो सिमतोला के बर्फ से ढके देवदार हो या कसार देवी का मंदिर या फिर बिनसर... Read more
धारचूला की चौंदास घाटी – फोटो निबंध
धारचूला से 18 किलोमीटर दूर तवाघाट नामक स्थान है जहां कालीगंगा और धौलीगंगा नदियों का संगम होता है. यदि हम कालीगंगा नदी के साथ साथ ऊपर चढ़ते जाएं तो व्यांस घाटी पहुँचते हैं और धौलीगंगा के साथ... Read more
थल का बालेश्वर मन्दिर: जगमोहन रौतेला का फोटो निबंध
बेड़ीनाग (पिथौरागढ़) से थल (पिथौरागढ़) को जाते हुए पूर्वी रामगंगा के पुल को पार करते ही थल का बाजार शुरु हो जाता है. मुख्य बाजार की ओर जाते हुए पुल से लगभग 25-30 मीटर की दूरी पर बाईं ओर रामग... Read more
इनसे बनती है 5 ट्रिलियन इकॉनमी बाबूजी!
इधर 5 ट्रिलियन इकॉनमी की बड़ी चर्चा है. हमारे वरिष्ठ सहयोगी और अर्थशास्त्री, फोटोग्राफर प्रोफ़ेसर मृगेश पाण्डे ने इस वक्तव्य को ध्यान में रखते हुए एक शानदार फोटो निबंध तैयार किया है. साथ ही उन... Read more
भारत के ‘आखिरी’ गांव माणा की तस्वीरें
हमारे साथी नरेंद्र सिंह परिहार ने गढ़वाल के चमोली जिले के माणा गांव की कुछ मनोहारी छवियाँ भेजी हैं (Last Village Uttarakhand Mana Photos) भगवती के शीतला स्वरूप को समर्पित पिथौरागढ़ का मां वरद... Read more
दारमा घाटी के तेरह गांव – नरेंद्र परिहार के फोटो
उत्तराखंड प्रदेश के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील लम्बे समय तक भारत-तिब्बत व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र रही है. इस तहसील में रं जनजाति के लोगों की बसासत है जो यहाँ की तीन घाटियों –... Read more
इन दिनों भारत सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली बहु-प्रतीक्षित कैलाश- मानसरोवर यात्रा चल रही है. दिल्ली से शुरू होने वाली इस मुश्किल यात्रा में सीमित संख्या में यात्रियों का चयन किया जाता है... Read more
अलौकिक है मुनस्यारी का थामरी कुण्ड
उत्तराखंड के मुनस्यारी नगर से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है थामरी कुण्ड. समुद्र की स्तर से करीब 7500 फीट कीम ऊंचाई पर स्थित इस सुन्दर स्थान पर जाने लिए मुनस्यारी से बिरथी जाने वाली सड... Read more
हिमालय की सुन्दरतम चिड़ियों में एक है सेटर ट्रेगोपन : सुरेन्द्र पवार का फोटो निबंध
कुमाऊँ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों के आसपास के जंगलों में देर शाम और सुबह एक बच्चे के रोने की आवाज आती है जिसे सुनकर लगता है कि या तो वह आदमी का बच्चा है या बिल्ली का. आज भी गाँव वाले कहते हैं... Read more
Popular Posts
- उत्तराखंड की जागर गाथाएं
- 1960 में कड़ाके की सर्दी के बीच बद्रीनाथ धाम में पाँच दिन
- खूबसूरत वादियों, मोहिले जन और विचित्र कथाओं का वृतांत
- लोक देवता के लिए रास्ता मांगने सड़कों पर उतरे सोर घाटी के ग्रामीण
- गोल्ड मैडल जीतने वाली मानसी नेगी का दर्द
- पानी की मांग कर रहे लोगों पर मुकदमा कमजोर समाज की नियति
- फूलदेई के बहाने डांड्यौं कांठ्यूं का मुलुक…
- राजी जनजीवन की झलक दिखाता एक बेहतरीन उपन्यास
- ‘रमोलिया हाउस’ हमारी नई शुरुआत
- फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
- कहानी : कैकेयी कंडक्टर और ‘बस-हो-चली-बुढ़िया’
- जार्ज VI के काल का सिक्का पहाड़ में कहलाया छेदु डबल
- कुमाऊँ की ‘हिमानी’ के ऐपण आर्ट की दिल्ली में ‘प्रस्तुति’
- कीड़ाजड़ी – पिण्डर घाटी के जीवन का जादुई आईना
- अंकिता हत्याकांड पर तथ्य अन्वेषण रपट
- जब बंदर और लंगूर के शरीर से बना हुड़का गमकता है
- पर्यटकों के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट
- कुमाऊनी परिवारों में भांजे-भांजियों को मिलता है विशेष सम्मान
- समधी-समधिन की प्रतिकृति बनाने की अनूठी परम्परा
- इन 3 प्राणायामों से रखिए अपने दिमाग को सुपर हेल्दी
- पहाड़ों में लोसर से नव वर्ष
- सिनेमा का शौक और शब्दभेदी वरदान
- कविता : नाक के पहाड़ से
- नन्ही लाल चुन्नी की कहानी
- घुघुति-बासूती