Home पाषाणदेवी मंदिर
नैनीताल की पाषाण देवी
Posted By: Kafal Treeon:
उत्तराखण्ड में शाक्त परम्परा की महाशक्तियों के पूजन की प्रथा बहुत पुरानी है. उत्तराखण्ड के जनमानस में सबसे बड़ा धार्मिक प्रभाव भगवान शिव और उनकी अर्द्धांगिनी पार्वती का रहा है. पार्वती के ही... Read more
Popular Posts
- बुद्ध ने आनंद को वेश्या के पास क्यों जाने दिया
- छिपलाकोट अंतरकथा : जिंदगानी के सफर में, हम भी तेरे हमसफ़र हैं
- शराब पीने में उत्तराखंड के पुरुष अव्वल
- कोतवाल के हुक्के की एफआईआर
- उत्तराखंड के वीर कफ्फू चौहान की गाथा
- केदारनाथ में पहले 4 दिन में 80000 श्रद्धालु
- कफल्टा हत्याकांड को याद किया जाना आज भी क्यों जरूरी है
- आठवीं का बोर्ड, चेलपार्क और हरित क्रांति
- दूध का दाम : प्रेमचन्द
- लोक कथा : दयामय की दया
- 1992 में हटाये गए अतिक्रमणों को लम्बे समय तक याद रखा हल्द्वानी शहर ने
- पहाड़ियों के प्यारे काफल के सेहतमंद फायदे
- बद्री क्षेत्र में निवास करते हैं पंच बद्री
- अल्मोड़ा में दलित दूल्हे को सवर्णों ने जबरन घोड़ी से उतारा
- अमरीकी नस्लवाद बनाम भारतीय जातिवाद
- सानन थैं पधान हो कयो, रात्ति में बांगो
- ईद की सिवईं में और ज्यादा मिठास घोलने वाली खबरें
- लोक कथा : श्राद्ध की बिल्ली
- चीड़ के वनों से जुड़ी कुछ भ्रांतियाँ और तथ्य
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: उसके इशारे मुझको यहाँ ले आए
- अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में
- केदारनाथ : मान्यताएँ व स्वरूप
- लोकगायिका वीना तिवारी को ‘यंग उत्तराखंड लीजेंडरी सिंगर अवार्ड’ से नवाजा गया
- द्वाराहाट का चालाक बैल
- छिद्दा पहलवान वाली गली: शैलेश मटियानी की कहानी