जागेश्वर : बारह ज्योतिर्लिंगों का समूह जागेश्वर एक हिन्दू धार्मिक स्थान है जो अल्मोड़ा शहर से 37 किमी की दूरी पर है. समुद्र तल से 1,870 मी की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर समूह में कत्यूरीकाल, उत्त... Read more
अल्मोड़ा शहर की सरहद कर्बला से शुरू होती है कर्बला एक तिराहा है, जहां कुछ दुकानें हैं,वहीं कहीं एक जगह कैरम बोर्ड पर दोपहर बाद से हाथ आजमाते युवा है, जो शाम होते-होते कथित जोश से लबरेज हो जा... Read more
उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके को ध्यान से देखा जाय तो मालूम पड़ता है कि मनुष्य और प्रकृति के सम्बन्ध पिछले करीब दो सौ बरसों में बहुत बिगड़े हैं और इन्हें बिगाड़ने का काम केवल मनुष्य ने किया है. (Ut... Read more
अपनी आमा की बहुत याद आती है मुझे
बात सन् 1982 के शुरुआती दिनों की है जब आमा लोहे के सन्दूक में पूरा पहाड़ समेटकर वाया बरेली यहाँ आयी थी. साल – डेढ़ साल ही रही होंगी बरेली में ! वर्ष 1970 से पूर्व दो – तीन बार गर्... Read more
भीमताल और टूट चुके पत्थर का दर्द
शायद 69-70 के दशक की बात होगी, मैं तब भीमताल के एल. पी. इंटर कॉलेज में आठवीं या नवीं का छात्र रहा होउंगा. जून के आख़िरी सप्ताह या फिर जुलाई की शुरुवात थी. शाम के वक्त अचानक एक खबर सुनी, बाज़ार... Read more
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के पीछे छिपे बदनुमा दागों पर चर्चा कम ही होती है. 26 अप्रैल की रात गढ़वाल मंडल के गाँव कोट में बसाणगाँव निवासी 21 साल के दलित युवक जितेन्द्र... Read more
जिसकी तबीयत ठीक नहीं उसे ट्रेक का गाइड बना दो
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 8 अंतिम क़िस्त (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस... Read more
संतोषी माता का दिन और लालची मीटखोर
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 7 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
कफनी ग्लेशियर की तरफ
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 6 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 5 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
Popular Posts
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध
- बातें करके लोगों का दिल कैसे जीतें
- जंगल बचने की आस : सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश
- सोशियल मीडिया में ट्रेंड हो रहा है #SaveJageshwar
- चाय की टपरी
- माँ जगदंबा सिद्ध पीठ डोलीडाना
- इस्मत चुग़ताई की कहानी : तो मर जाओ
- कहानी: रेल की रात
- भाबर नि जौंला…
- जनजाति विकास : मध्यवर्ती तकनीक, बेहतर भी कारगर भी
- कुमाऊनी कविता की यात्रा के पड़ावों पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘अंगवाल’
- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का ‘भारत रंग महोत्सव’ रामनगर में आज से
- कल्पना करने की शक्ति से सपनों को सच करो