नैनीताल के पर्यटन व्यवसाय की कुकुरगत्त
उत्तराखण्ड के कई पर्यटन स्थल सरकारी पर्यटन नीति के रहमोकरम पर नहीं हैं, इनमें से एक है नैनीताल. नैनीताल मसूरी के बाद राज्य का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. सैलानियों के बीच नैनीताल... Read more
उत्तराखंड का तामता (टम्टा) समुदाय उत्तराखंड का प्राचीन ऐतिहासिक नगर अल्मोड़ा कला व संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है. इस नगर की पहचान बुद्धिजीवियों के नगर के रूप में की जाती है.... Read more
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर गंगोत्री से 21 किमी पहले एक छोटा सा पहाड़ी गाँव है धराली. धराली उत्तरकाशी-गंगोत्री हाइवे के दोनों तरफ बसा हुआ है. धराली अपने अप्रतिम प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए विश्वव... Read more
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से करीब 35 किलोमीटर दूर है बिर्थी जलप्रपात. अल्मोड़ा-मुनस्यारी मार्ग के रास्ते में पड़ने वाले तेजम से इसकी दूरी 14 किलोमीटर है. यहाँ पहुँचने का एक और र... Read more
आदियोग फाउंडेशन वाली मानसी जोशी से मिलिए
देश भर में हाल के वर्षों में आई महिला जागृति की लहर उत्तराखंड में भी देखी जा सकती है. अनेक महिलाओं ने यहाँ स्वरोजगार के नए नए रास्ते निकाले हैं और न केवल स्वयं को स्वावलंबी बनाया है अपने आसप... Read more
बुग्यालों से होते हुए मुनस्यारी तक का ट्रेक और पांगती मास्साब का म्यूजियम
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 2 पिछली कड़ी : बागेश्वर के गोगिना से नामिक गांव की यात्रा के बहाने पहाड़ का जन-जीवन सुबह नाश्ते में योगेश की फरमाइश पर पराठों का भोग लगाकर हम अपने अगले... Read more
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 1 बागेश्वर से हिमालय के साथ ही हरे-भरे बुग्यालों को जाने वाले कई रास्ते झरनों की तरह फूटते हैं. मंजिल तक पहुंचने तक ये रास्ते खूब थकाते तो हैं, लेकिन... Read more
पिताजी सन् 1949 में लखनऊ आ गए थे. उन्होंने ने ही बताया था कि घर से ( गराऊँ, बेरीनाग ) बड़बाज्यू अलमोड़ा तक पैदल छोड़ने आए थे. उन दिनों अलमोड़ा से आगे मोटर रोड नहीं थी. हमारे यहाँ के लिए पैदल रास... Read more
तराई-भाबर की लीची न खाई तो क्या खाया
लीची आ गई हैं. बाग-बगीचों में, वहां से तोड़कर बाजारों में और मेरे घर पर भी. लीची मेरा प्रिय फल रहा है. इतना प्रिय कि पहले एक बैठकी में पांच किलो तक उदरस्थ कर लेता था और अब भी कम से कम दो किल... Read more
प्रवेन्द्र सिंह कार्की उर्फ़ पप्पू कार्की (30 जून 1984-9 जून 2018) आज ही के दिन एक साल पहले सड़क दुर्घटना में उत्तराखण्ड की नयी पीढ़ी के अग्रणी लोकगायक पप्पू कार्की का निधन हो गया था. मात्र 34... Read more
Popular Posts
- आज उत्तराखण्ड की लोकगायिका कबूतरी देवी की पुण्यतिथि है
- सोमेश्वर से धान की रोपाई की जीवंत तस्वीरें
- हरेला कब बोते हैं
- उत्तराखण्ड के शौका
- कमजोर की मदद स्वयं ईश्वर भी नहीं करता : पहाड़ी लोककथा
- रोपाई और हुड़किया बौल
- उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली अभिनेत्रियां जो अदाकारी से ख़ास मुकाम हासिल कर चुकी हैं
- अनपढ़ पहाड़ी इंजीनियर झीम राम और उनके बनाये मेहराबदार पुल
- पिथौरागढ़ जिले के मंदिरों में बढ़ी चोरी की घटनाएं
- ठाकुर का कुआं
- उत्तराखंड की यह जगह फिल्मों में स्कूल और कॉलेजों की लोकेशन के लिए लोकप्रिय है
- छोटा राजन का सहयोगी हल्द्वानी निवासी दीपक सिसौदिया फरार
- पहाड़ी खेती : जलागम योजना के फलसफे
- बुद्धिमान कुत्ता : कुमाऊनी लोककथा
- कहानी : शिकार की जुगत
- यह कैसा सम्मान है उत्तराखंड के चैम्पियन मुक्केबाज का
- शैलेश मटियानी की कहानी ‘लाटी’
- संजीवनी बूटी की भूली कहानी
- बूबू और उनके बर्मा के किस्से
- शतरंज के खिलाड़ी
- बादलों में भवाली: भवाली की जड़ों को टटोलती किताब
- उत्तराखंड : आगम और व्यय की कदमताल
- कभी भूखा, कभी प्यासा भाग रहा पहाड़ी युवा पकड़ा गया
- पहाड़ी युवाओं के सपने की डगर को कठिन बना देगी ‘अग्निपथ योजना’
- फिल्मों में उत्तराखण्ड की अभिनेत्रियाँ