अपनी समृद्ध कुमाऊनी बोलने में शर्म क्यों आती है
“और डियर तू तो इंग्लैण्ड जाणी वाल छै बल” – इस ज़रा से कुमाऊनी वाक्य के विन्यास में सबसे ज़रूरी शब्द है – “बल”. यानी इस वाक्य को जो आदमी कह रहा है उसने किसी से सुना है कि सुनने वा... Read more
प्रेमपरकास की बछिया
प्रेमपरकास अग्गरवाल का खानदान पिछली तीन पीढ़ियों से उस पहाड़ी कसबे में तिजारत कर रहा था. तनिक मुटल्ले प्रेमपरकास से मेरी स्कूल के समय से ही दोस्ती थी. उसके एक हाथ में छः उंगलियाँ थीं और उसका... Read more
हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक ‘गहन है यह अन्धकारा’ से खूब सारे सबक सीख सकते हैं
पुलिस को खबर मिलती है कि एक जली हुई सिर कटी लाश मिली है. पुलिस तफ्तीश करती है और कई तरह की पूछताछों, शिनाख्तों और अनुसन्धानों के बाद अपराधी का पता लगा लेती है. (Gahan Hai Yah Andhkara Review... Read more
रायपुर (अब छत्तीसगढ़), में जन्मे देश के महानतम समकालीन नाटककारों में से एक हबीब अहमद ख़ान ‘तनवीर’ उर्फ़ हबीब तनवीर का आज जन्मदिन है. कबाड़खाना ब्लॉग से हबीब तनवीर पर एक लेख पढ़िए :... Read more
हल्द्वानी नगर में ट्रांसफार्मर तिरतीया पर्व
ज्येष्ठ मास में एक तिथि-साइत ऐसी आती है जिसे हल्द्वानी नगर में ट्रांसफार्मर तिरतीया के नाम से मनाया जाता है. इसके पहले बीस-पच्चीस दिन ऐसी भयानक गर्मी पड़ती है कि बाज चतुर गृहस्थ-गृहस्थनें परि... Read more
यदि आप हाल-फिलहाल उत्तराखण्ड में पर्यटक या ट्रेकर या पर्वतारोही बनकर आये हैं या ऐसा करने की मंशा रखते हैं तो आपको इससे आगे पढ़ने की जरूरत नहीं. यह विसूवियस या सकूराजीमा के ज्वालामुखी का नहीं... Read more
यह कौन सा तरीका है बच्चों की परीक्षा लेने का
किसी बच्ची की नाक की लौंग खेंची जा रही है किसी के कान की बालियां. एक कोने में खड़ी दो बच्चियां सुबक रही हैं क्योंकि उनके नए कुर्तों की आस्तीनें काट डाली गयी हैं. एक लड़की की जींस के सारे बटन उ... Read more
बच्चों की चड्ढी और होस्यार सुतरा
उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं आज से शुरू हो रही हैं. आज इंटर के पेपर से इसकी शुरूआत होगी. हमारी शिक्षा व्यवस्था कितनी शानदार है यह किसी से छुपा नहीं है. बच्चों पर परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने... Read more
Popular Posts
- कुणाल तुम आजाद ही हुए : श्रद्धांजलि
- इगास से जुड़ी एक कथा
- आज बूढ़ दीवाली है
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू, उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- डूबता शाम का सूरज पिथौरागढ़ से : फोटो निबंध
- जब हम असभ्य और मूर्ख थे तब प्रकृति का सम्मान करते थे
- पहाड़ियों में इन महीने ही क्यों होती है शादी
- 1852 में केदारनाथ
- नवम्बर में मुनस्यारी : फोटो निबन्ध
- आज ही के दिन बैरन के पहले कदम पड़े नैनीताल में
- सुबह का आना, कभी न ख़त्म होने वाली उम्मीद का आना
- सीमान्त जनपद के एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जो आजादी के संघर्ष में हुए शहीद
- सपने में हवाई यात्रा ज़मीं पर बसें ख़स्ता-हाल
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कुछ सुस्त कदम रस्ते कुछ तेज कदम राहें
- अथ उपटापि चरितम्
- पुरखों की बाखली पहुंचे धोनी : तस्वीरें
- इसलिए ख़ास है अल्मोड़ा का दशहरा
- तेरह, तेरस और ट्रिसकाइडेकाफोबिया
- पौराणिक तीर्थस्थल श्री सेम मुखेम
- लेखन यात्रा के बहाने
- रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा: हिमालय में आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
- मालरोड मसूरी
- प्रथम महावीर चक्र विजेता शहीद दीवान सिंह दानू
- कुमाऊं में यहां से होते हैं पवित्र कैलाश के दर्शन
- वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन को चुनौती
आइफ़िल टावर से क्रिकेट कमेंट्री
कैसी-कैसी क्रिकेट कमेंट्री – एलन मैकगिल्वरे -अशोक पांडे साल 1938. ऑस्ट्रेलिया. सर्दियों की एक निद्राहीन रात. विक्टोरिया, क्वींसलैंड और न्यू साऊथ वेल्स में तमाम घर रोशन थे, चिमनियों से... Read more