ठेठ गढ़वाल के जीवन से जुड़ी चीज़ों को समझने के लिए एक तरह का रोचक शब्दकोश है ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’
बचपन में नए साल के ग्रीटिंग कार्ड बनाने के दौरान एक युक्ति सीखी थी. रंग में डुबाया हुआ धागा लेकर (रंग के नाम पर अमूमन हमारे पास स्याही ही होती) सादे कागज़ पर हौले से अगड़म-बगड़म आकार में रख... Read more
नई सदी के दो दशकों का खोया-पाया
हम नब्बे के दशक के लौंडो के लिए ट्वेंटी-ट्वेंटी शब्द युग्म एक सपने की तरह आया था. जितना हम उस दौर में अपने ख्वाब में ‘कभी लिंकिंग रोड कभी पैडल रोड’ पर रैन्देवू विथ रवीना टण्डन कर... Read more
डियर एसपीबी,आई जस्ट कॉल्ड टू से आई लव यू. आवाज़ बहुत भारी थी वो. बहुत ही भारी. तमाम आवाज़ों के बीच जगह बनाकर भीतर जम गई. यूं कि जैसे आलती-पालथी मारे बैठ ही गई हो. बहुत मशक्कत से उठाने से भी... Read more
आप शिकंजी पीना चाहेंगे?
निजी कारणों की वजह से शुरुआत में ही मैं खुद को इस वाकये से अलग कर लेता हूँ. तो वो एक पुलिस चौकी थी जिसमें चार सीसीटीवी कैमरे लगने थे. तीन बाहर और एक अंदर. बाहर के सभी कैमरे लगने के बाद चौकी... Read more
क्या है डिजिटल लाइब्रेरियों का भविष्य?
अगर आप इसे पढ़ रहे हैं तो आपके लिए एक ज़रूरी सूचना है. तकरीबन दो-तीन माह पूर्व मुझे एक दोस्त ने एक वाट्सएप ग्रुप का हिस्सा बनाया जहाँ किताबों की डिजिटल कॉपी या पीडीएफ फाइल शेयर की जाती है. कॉप... Read more
[उत्तराखण्ड के जनपद उधमसिंहनगर में साल 2009 में घटे एक लाइव एनकाउंटर की यह कथा हमारे सहयोगी अमित श्रीवास्तव ने बयान की है. इन दिनों जब पुलिस एनकाउंटर की पूरी प्रक्रिया कई तरह के प्रश्नों के... Read more
सुंदरी के पेड़ों, खूब मिट्टी, कीचड़ और दलदल से भरा एक ज्वारग्रस्त इलाका है सुंदरबन. खाड़ी में गिरने से पहले गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियाँ सुस्त और लापरवाह हो उठती हैं और अपने लम्बे रास्त... Read more
“स्पोर्ट्समैन स्पिरिट कहाँ है तुम लोगों की?” पिता कमर पर हाथ रखकर बोल रहे थे. मिंयादाद ने अभी-अभी चेतन शर्मा की आख़िरी बॉल छक्के के लिए उड़ा दी थी और हम सब टीवी फोड़ सकने का इरादा तो नहीं रख... Read more
आम की तो छोड़ो गुरु अमरूद कहाँ हैं यही बता दो
“स्टिल वर्किंग?” किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी में उच्च ओहदे पर अवस्थित दोस्त ने फोन पर अपनी टोन में घुसी आ रही मुस्कुराहट को छुपाते हुए पूछा. Amit Srivastava Questions the Unquestioned “या... Read more
आज आठ अप्रैल है. लॉक डाउन के प्लान के हिसाब से आज के बाद नए पॉज़िटिव केसेज़ आने की संख्या में गिरावट दर्ज की जानी चाहिए. मगर अब ऐसा होता लगता नहीं. पिछले दिनों कुछ लोगों की लापरवाही ख़तरनाक... Read more
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