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2 Comments

  1. deven mewari

    गुलेरी जी की कालजयी कहानी का नाम था- ‘उसने कहा था’। उन्होंने कई वैज्ञानिक लेख भी लिखे। प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका ‘सरस्वती’ में ऑंखों पर उनके पांच लेखों की श्रंखला छपी थी।

  2. आशुतोष गुलेरी

    इस कहानी में अपूर्णता कहाँ है जिसे पूरा करने की आवश्यकता जान पड़ी!? यह कहानी पूर्ण है।
    इसका पुनः पठन करिये और समझने का प्रयास करिये कि प्रेम में निश्छल अश्रुओं की भाषा को लेखक ने कितनी संजीदगी से पाठकों के समक्ष रखा है। पाठक के मन में एक प्रश्न छोड़कर जाने की विधा का पटाक्षेप है यह कहानी ताकि कहानी का मर्म लंबे समय तक पाठक के मन मस्तिष्क पर बैठा रहे। यही इस कहानी का अनूठा शिल्प है।
    अतः कहानी संपूर्ण है। ऐसे में पूरी कहानी को अधूरा बताना और उसे पूरा करने का दावा करना, और आपके द्वारा उस दावे का अनुमोदन करना। और फिर उस पूरे किए गए अंश को भी न प्रस्तुत करना। क्या कहता है यह सब?

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