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8 Comments

  1. Sumit rawat

    बहुत ही शानदार तरीके से इस सच्ची कहानी को पेश किया गया है पढ़ते हुए ऐसा लगता है मानों मैं भी वही पे सब कुछ देख औऱ सुन रहा हु मंत्रमुग्ध

  2. RS Manral

    अत्यंत सुंदर रचना।?? आत्मीयता से लेखन दिल को छू जाता है।?? उत्तराखंड में आज भी ऐसे अनछुए स्थान हैं जहां बागबानी की प्रबल संभावना है।? जहां एक ओर गांव खाली हो रहे हैं वहीं जंगलों को आबाद करने की सोचने वाले सोबन सिंह जैसे विरले इंसान ही मिलेंंगे।? जय उत्तराखंड।??

  3. RS Manral

    अत्यंत सुंदर रचना।?? आत्मीयता से लेखन दिल को छू जाता है।?? उत्तराखंड में आज भी ऐसे अनछुए स्थान हैं जहां बागबानी की प्रबल संभावना है।? जहां एक ओर गांव खाली हो रहे हैं वहीं जंगलों को आबाद करने की सोचने वाले सोबन सिंह जैसे विरले इंसान ही मिलेंंगे।? जय उत्तराखंड।??

  4. ज्योति

    सच में सोबन सिंह जैसे लोगो की वजह से ही उत्तराखंड देवभूमि कहलाता है।

  5. मुकुल चंद्र पांडे

    सुंदर रचना।

  6. Jagdamba Bhatt

    कलात्मक लेख एवं सुन्दर प्रस्तुति ।

  7. मंजुला सक्सेना ।

    बहुत ही सुंदर रचना और सोने में सुहागा ये कि कहानी सच है । एक कर्मठ वृद्ध की । काश कुछ वृद्ध तो और ऐसे होते । कम ख़ाना काम ज़्यादा की नीति ने भी उन्मे भरपूर ऊर्जा भर दी है मो वह ८० वर्ष की आयी में भी दिन भar काम करते हैं । शतायु हों ऐसी मेरी ईश्वर से प्रार्थना है ।

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