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9 Comments

  1. Anonymous

    निश्छल प्रेम पर आधारित बहुत ही शानदार कहानी है।

  2. Anonymous

    यह कहानी पहाड़ की प्रेमकथा नहीं भारतीय ग्रामीण समाज की प्रतिनिधि प्रेमकथा है…शेखर जी को मन के अंदर ऐसे गहरे उतर जाने वाले आख्यान रचने के लिए प्रणाम!!????
    यादवेन्द्र / पटना
    [email protected]

  3. Harish

    कुछ कहानियाँ अमर होती हैं,आज बरसो बाद दोबारा पढी _मगर याद आ गई ।
    गुसांईं वहीँ रुका रहा और लछमा आगे बढ गई ।।

  4. मनीष अग्रवाल

    शिवानी, शैलेश भटियानी, शेखर जोशी गजब की कहानियां। साधु वाद।

  5. संजय खोलिया

    बहुत सुंदर लेखनी।
    बचपन की स्मृतियों अचानक से सामने प्रकट हो गई । ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो में अपने घट के पास खेल रहा हूँ।
    मेरे गाँव का घट मेरे घर के पास में ही था जहां अक्सर हम खेला करते थे।
    लेखनी को साधुवाद।

  6. Sunil nagila

    बहुत ही सुन्दर, पहाड़ की याद आ गयी

  7. सन्तोष पन्त

    कहानी ने पूरा पढ़ने को मजबूर किया’ यही शायद इसकी जीवन्तता का प्रमाण हो’ ।

  8. अजय कुमार दुबे

    अत्यंत मर्मस्पर्शी कथा प्रेम का मौन आख्यान मुखरित कर गया हृदय के तारों को और नम कर गया आंखों की कोरों को ….।।
    प्रणाम शेखर जोशी जी
    धन्यवाद katal tree.com

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