टकाना रामलीला का प्रारम्भ से अब तक का सफर व मंचन बहुत ही सुन्दर, सराहनीय और लोकप्रिय रहा है. हमेशा अपने-अपने किरदार में सभी पात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर जनता को आनंदित किया है. टकाना रामलीला से जुड़े कुछ ऐसे कलाकार जिन्होंने न केवल यहां अभिनय किया... Read more
सारे देश की तरह कुमाऊँ में भी जहाँ अधिकतर लोग महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे, वहीं यहाँ के नवयुवकों ने अपने ढंग से कुछ ऐसे कार्य किये जिनसे तत्कालीन ब्रिटिश सरकार भी चौंक गयी और राज कर्मचारियों की नींद हराम हो गय... Read more
पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 68 हल्द्वानी शहर (Haldwani City) में विभिन्न सांस्कृतिक (Cutural) टोलियों के साथ बागेश्वर, सालम, जागेश्वर आदि स्थानों से पारम्परिक वाद्ययन्त्रों के साथ कलाकारों को आमंत्रित किया गया. एक बात यहा... Read more
पिछली कड़ी पहली जून 1994 को जब अस्कोट-आराकोट अभियान दल मुनस्यारी पहुंचा, दल के अधिकांश सदस्य मेरे पूर्व परिचित मित्र थे. उनके आवास तथा भोजन की उचित व्यवस्था की गई. मैंने लेह-लद्दाख भ्रमण का कार्यक्रम बना लिया था. अन्यथा मैं भी इस अभियान में सम्मिलित ह... Read more
1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का पूरे देश में अलग-अलग स्वरूप था. उत्तराखंड में भी सविनय अवज्ञा आन्दोलन के विभिन्न रूप देखे गये. अल्मोड़े में तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन आन्दोलन झंडा सत्याग्रह के नाम से ही दर्ज है. 4 मई 1930 को अलमोड़े के सड़कों पर नवयुवक झन... Read more