मध्यकाल में लगभग शत-प्रतिशत पहाड़ कृषि खेतीबाड़ी पर ही जीवनयापन करता था. जीवन प्रकृति के समीप था, आचार व्यवहार हर प्रसंग में ईश्वर भगवान अदृश्य अलौकिक शक्तियों पर अटल विश्वास आस्था थी. कदाचित इसी परिपेक्ष में सामान्य जन जीवन के रीति रिवाजों को भी दैव... Read more
कोनाना संकट की इस घड़ी में हरेला सोसायटी पिथौरागढ़ के वॉलिंटियर्स अपने घरों से निकाले भुखमरी की स्थिति में पहुंच चुके लोगों की मदद कर रहे हैं. सोसायटी द्वारा पिछले एक हफ्ते से लोगों को साबुत खाना बांटा जा रहा है. करोना संक्रमण से खुद को और दूसरो... Read more
कल एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पिथौरागढ़ वाले खास हैं. इस आपदा की स्थिति में सब एक दूसरे का साथ दे रहे हैं. तो हाँ, सोरयाली इस बात में कुछ तो खास हैं. इस एक बात से एक बात और जोड़ दूं, वो यह कि यहां के गांव वाले और भी ज्यादा खास […] Read more
सब ओर प्रकृति में हरियाली सज जाती है. नई कोंपलों में फूल खिलने लगते हैं. चैत मास लग चुका है. ऋतु रैण की परंपरा रही थी बरसों पहले तक. जब गाँव-गाँव बादी या नैका हारमोनियम, सारंगी ढोलक की ताल के साथ लोकगीत गाते व उनकी स्त्रियां नाचती ठुमकती लोकथात को ब... Read more
हर वर्ष की तरह इस बार भी होली के आगमन पर बाजार में तरह-तरह के रासायनिक रंग और प्लास्टिक की बनी पिचकारिया, खिलौने, मास्क इत्यादि आ चुके हैं. आधुनिकता की इस चमक-धमक के बीच हरेला सोसायटी, पिथौरागढ़ द्वारा स्थानीय तौर पर मिलने वाले फूलों से निर्मित प्राक... Read more
करोड़ों वर्षों पूर्व से जब मानव ने जब आग जलाना और उस पर काबू करना नही सीखा था, तब से ही वनों में आग प्राकृतिक रूप से लगती रही है. प्राकृतिक कारणों में शुष्क परिस्थितियों में घर्षण के कारण चिंगारी पैदा होने या बादलों से बिजली का गिरना प्रमुख रहा है. म... Read more
हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती है. छोटी और सामान्य सी लगने वाली इन आदतों से उस शहर के हर बासिंदे को बेइन्तहा मोहब्बत होती है. मनु डफाली द्वारा पिथौरागढ़ की एक अलसाई सुबह का रेखाचित्र पढ़िये : (Sketc... Read more
हरेला सोसायटी नाम से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. पिछले पांच छः सालों में पिथौरागढ़ जिले को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने वाली हरेला सोसायटी तीन-एक वर्षों से जिले में होली के दौरान नेच्यूरल कलर भी बनाती है. (Fagun Organic Holi Colors) हरेला द्व... Read more
अभी हाल ही में, मैंने अपने से कुछ 12 से 13 साल छोटे एक शख्स से किसी बात पर पूछा – क्या तुमने लकी अली को सुना है? तो उत्तर आया – कौन लकी अली? (Lucky Ali) उस समय तो नहीं लेकिन कुछ समय बाद, आज के दौर का रिफरेन्स लेते हुए जरुर लगा – […] Read more
कुछ दस बजे का समय रहा होगा, कुछ चल्लों की फोटो खींचते-खींचते मै एक प्राथमिक स्कूल के पास से गुजर रहा था. अध्यापिका और बच्चे नवम्बर की धूप सेकते हुए उस दिन की पढाई कर रहे थे. कुछ बच्चे आपस की मस्ती में व्यस्त थे, कुछ बेमन से पेंसिल से अपनी कापियों को... Read more