उन दिनों बच्चों के हाथों में रखे जाने के लिए रूपयों से ज़्यादा पैसे प्रचलन में थे. दस, बीस, पच्चीस व पचास पैसे अमूमन घर आए मेहमान वापसी के समय बच्चों के हाथों में टॉफी-बिस्कुट खाने के लिए रख जाते थे. बीस पैसे में तो बीस टॉफियाँ आ जाया करती थी उस जमान... Read more