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1 Comments

  1. Gopu Bisht

    बिल्कुल पहले ऐसा ही होने वाला ठहरा, मागशीर और जेठ बैशाख के महीने में खासकर नैनाँग दी जाती है अब भी गांवों में । लेकिन अब नैनांग का स्वरूप भी धीरे धीरे बदलने लगा है। जहां पहले पूरे गांव वाले एक साथ दिया करते थे अब एक परिवार या कुछ परिवार आपस में मिलकर के भी देने लगे हैं ।
    या फिर कुछ लोग मंदिर में आई किसी की पूजा के समय भी अपनी तरफ से नैनांग दे देते हैं।
    हम भी हर साल दो बार नैनांग डालते हैं ईष्ट देवता गंगानाथ ज्यू के थान में।
    बहुत अच्छी जानकारी… ईष्ट देवता आपकी मनोकामना पूरी करे। 🙏 जय देवभूमि 🙏

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