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2 Comments

  1. हेम पन्त

    बद्री दत्त कसनियाल जी के मार्गदर्शन के कारण पिथौरागढ़ के कई युवाओं को अलग अलग क्षेत्रों में आगे बढ़ने का मौका मिला। आज भी उनके बैंक रोड वॉर ऑफिस में जाने पर चाय और बौद्धिक खुराक जरूर मिलती है। प्रशासनिक अधिकारियों से अधिक सीमांत क्षेत्र की जानकारी कसनियाल जी के पास हमेशा उपलब्ध रहती है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी उनकी पकड़ बहुत गहरी है।

    पत्रकारिता के क्षेत्र में तो वह स्वयं एक विश्वविद्यालय के समान हैं।

  2. Vinod

    कसनियाल जी कई मुद्दों पर हमारे लिए गूगल या एन्साइक्लोपीडिया से कम नहीं. जब हमें कुछ विश्वसनीय जानना हो तो हम उन्हें ही पूछते हैं. असल में कसनियाल जी महज व्यक्ति नहीं एक संस्थान हैं. न जाने कितने धुरंधर पत्रकार चिलकोटी भवन के उस छोटे से कमरे के इस विश्वविद्यालय से ट्रेनिंग पाकर निकले और आगे बढ़े. इस आलेख के लिए सुन्दर दा का शुक्रिया.

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