उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में बीमार गाय का इलाज कराने ले जा रहे बुजुर्ग की भीड़ ने जमकर पिटाई करने के बाद उन्हें गटर में फेंक दिया.
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के लाक्स्मंपुर निवासी 70 वर्षीय कैलाश नाथ शुक्ला की कथित गौरक्षकों ने बुरी तरह पिटाई कर दी. अपनी बीमार गाय को इलाज के लिए ले जाते समय जब वे नानपुरा गाँव से गुजर रहे थे तभी उन्हें भीड़ ने घेर लिया. भीड़ द्वारा आरोप लगाया गया कि वह अपनी गाय को कत्लखाने ले जा रहे हैं.
लोगों ने उनकी इस बात पर भरोसा नहीं किया कि वह अपनी गाय को इलाज के लिए ले जा रहे हैं. बुरी तरह पीटकर उन्हें गटर में फेंक दिया गया. तभी भीड़ में यह अफवाह फैलने लगी कि वह अपनी गाय बगल के गाँव में एक मुस्लिम को बेचने के लिए ले जा रहे हैं. इसके बाद उन्हें गटर से बाहर निकालकर उनका सर मूँद दिया गया. चेहरे पर कालिख पोतकर, रस्सी से बांधकर उनका जुलूस निकाला गया.
इस दौरान यह बुजुर्ग अपने ब्राह्मण होने और गाय को इलाज के लिए लेजाने की दुहाई देते रहे. इसके बाद बुजुर्ग स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचे जहाँ उनकी रपट नहीं लिखी गयी. बलरामपुर के एसपी से गुहार लगाने के बाद 4 आरोपियों को गिरफ्त में लेकर मामले कि जांच शुरू की गयी. बुरी तरह घायल बुगुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
गौरतलब है की कथित गौरक्षकों द्वारा किसी उच्च जाति के व्यक्ति कि मॉब लिंचिंग का यह पहला मामला है. अभी तक की गयी हत्याओं का शिकार गौपालक मुस्लिम या दलित जातियां रही हैं. केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है. इस दौरान कथित गौरक्षकों ने 28 हत्याएँ की हैं और 125 लोग इन हमलों में घायल किये जा चुके हैं. साल 2017 में इन मामलों में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी भी देखी गयी है.
प्रधानमंत्री गौरक्षकों को गौगुंडे कह चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट भीड़ द्वारा की गयी हत्याओं पर चिंता जताते हुए इन्हें रोकने के लिए सरकार को फटकार लगा चुका है. उसके बाद भी इन मामलों में कमी आती नहीं दिखाई दे रही है.
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