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2 Comments

  1. हरिहर लोहुमी

    बहुत राेचक वृतान्त। अच्छा हुआ कि रिटायरमेंट के अन्तिम दिनाें में रंगमंच अभिनय का अवसर ताे मिला ही, दी के अलावा किसी अन्य की अंगुली पकड़ने का सुख भी मिला। अब यह नही कह सकते कि पत्नी के अलावा किसी और का स्पर्श नही किया भले ही चरित्र की मजबूरी रही हाे। यह भी अच्छा ही हुआ कि फिरसे अपने फील्ड में आने का माैका भी मिला। ऱिटायरमेंट से पहले की कुछ और अच्छी बातें सुनने काे मिलेंगी अभी ताे…….

  2. हरिहर लोहुमी

    बहुत राेचक वृतान्त। अच्छा हुआ रिटायरमेंंट से पहले अपनी रंगमंच प्रतिभा काे फिर सिद्ध करने का सुअवसर मिला। खूब फब रहे हैं। औथेलाें की भूमिका में। एक बात और हुई कि आप जाे कहते रहे कि दी के अलावा किसी और की अंगुलिया नही पकड़ी पर अब यह शब्द पीछे छूट गया है, भले ही चरित्र की वाध्यता रही हाे। यह भी सकून भरा लगा कि रिटायरमेंट से 3 माह पहले अपनी पसंदीदा भूमिका में लाैट आये। सिक्किम में याक में बैठा व्यक्ति ताे सैंटाक्लाज ही लगता है। आप भी ताे सैंटाक्लाज की तरह ही खुसियां बांटते रहते हाे।
    अब शुरू हुआ है जिन्दगी का नया अध्याय । अब ताे नया ही सुनने काे मिलेगा नाैकरी की आपाधापी से हट कर।

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