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2 Comments

  1. राजेन्द्र

    बेहद sसंवेदनशीलता के साथ मैंने आपका लेख पढ़ा | मैं आप से सहमत हूँ लेकिन जो प्रश्न लोगों ने उठाए हैं (जो आपके लेख में दर्ज हैं) जो एकदम वाजिब और ध्यान देने योग्य हैं | उक्त नियमों का पालन और नियमन अवश्य होना चाहिए | ये हमारी सामाजिक, मानवीय और नैतिक जिम्मेदारी है |

  2. कमल लखेड़ा

    आपने अपने लेख में बहुत सही लिखा है कि इस तरह के प्रकरण पर प्रश्न उठने चाहिएं और उनका जवाब मय प्रमाण के मिलना चाहिए

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