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2 Comments

  1. हरिहर लाेहुमी

    बहुत शानदार लेख। आज हम जाे वन देख रहे एेसे ही प्रकृतिप्रेमियाें की वदाैलत हैं , जाे प्राणाें की परवाह किए बिना वनाें काे बचाने की मुहिम में जुटे रहे। जंगलाें की आग एक भीषण समस्या वन चुकी है। वन विभाग का काेई वास्ता नही। लाखाें पेड़, पाैधे, पशु, पक्षी आग की भेंट चढ़ रहे है पर सरकार के कानाें में जू नही रैगती है।

  2. हरिहर लाेहुमी

    बहुत शानदार व प्रेरणा दायक। आज वन जितने भी बचे हैं । ऐसे ही कर्म याेगियाें की बदाैलत है। खेजड़ी गांव की गाथा ह्रदय विदारक है। आज जंगल की आग लाखाें नन्हे पेड़ पाैधाें, पशु पक्षियाें की जान लील रही है। एक पीड़ी ही खत्म हाे जा रही है। वन विभाग, अपने आप काे वनाें का संरक्षक मानता है उसी के सामने जंगलाें का अस्तित्व मिट रहा वह है कि आंख मूदे खड़ा है। बर्षात आरंभ हाेते ही वृक्षाराेपण का नाटक आरंभ हाे जायेगा। वृक्षाराेपण की आड़ में कराेड़ाे का वारा-न्यारा हाेगा। उनका क्या जिनकी एक पीड़ी ही आग में समा गई। अच्छा हुआ आप वन विभाग में नही गये।

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