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One Comment

  1. दिव्यांशु

    हमारी पहाड़ी संस्कृति में पगड़ी (साफा) सिर में नही पहना जाता बल्कि कमर में बांधा जाता है, में ये इसलिए कह रहा हूँ कि हमारी संस्कृति में जो गांव के मुख्य देवता होते हैं उन्हें भूम्याल कहते हैं, जब किसी नये शख्स पर भूम्याल अवतार लेता है तो पुराना पस्वा उसे अपनी कमर पर पहने जाने वाली पगड़ी देता है, और जब भूम्याल पूजा होती है तो हम उन्हें साफा पगड़ी ही देते हैं।
    जहां मैदानी क्षेत्रों में सिर पर पगड़ी धूप से बचाती है, वही पहाड़ी क्षेत्रों में यह पगड़ी कमर को मजबूती देती है, जो पहाड़ में काम करते समय बड़ा सहारा देती है, महिलाओं में पाखुला के साथ पागड़ पहनने का प्रचलन है।

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