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6 Comments

  1. indrajeet Gorakhpuri

    बहुत ही अच्छा लेख लिखा है। महिलाओं के उस दर्द या भावना को जुबान दी जिसे वे बयां नहीं कर पाती थीं। एक बात कहना चाहूंगा कि अब दौर बदलता जा रहा है। अब महिलाएं शिक्षित हो रही हैं और उसने पुरुष थोड़ा समझदार। अब दोनों मिलकर फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी महिलाएं स्वतंत्र नहीं हैं।

  2. कमल लखेड़ा

    इन परिस्थितियों को को औरत कई युगों से ढों रही है । कितने विचार और इच्छाएं मारकर एक औरत जीवन जिया जाता है ?

  3. Zafar aalam

    यथार्थ ।समाज की अधिकांश मन स्थिति का चित्रण किया है

  4. Promod

    I am promod aggarwal from Haridwar, your thoughts are marvelous,I appreciate your writing

  5. Promod

    I am promod aggarwal from Haridwar, your thoughts are marvelous,I appreciate your writing

  6. vijay singh

    बहुत ही अच्छा लेख लिखा है। महिलाओं का असहाय दर्द या भावना को जुबान दी जिसे वे बयां नहीं कर पाती थीं। एक बात कहना चाहूंगा कि अब दौर बदलता जा रहा है। अब महिलाएं शिक्षित हो रही हैं और उसने पुरुष थोड़ा समझदार। अब दोनों मिलकर फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी महिलाएं स्वतंत्र नहीं हैं। लेख ने दिल को झंझोर कर रख दिया है, आपके लेखों से बहुत से लोगो की आँखे खुल जायेगी कि महिलाओ की भी कुछ इच्छा होती है। उन पर थोपो मत जगत जन्ननी की इज्जत करे

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