1987 में देश की राजधानी में छोलिया नृत्य – वीडियो
यह साल 1987 के फरवरी माह की 19 तारीख़ को रिकार्ड किया गया वीडियो है. यह वीडियो एक कुमाऊनी नाटक का हिस्सा है. नाटक का नाम था ऋतुरैण. ऋतुरैण नाटक का यह मंचन देश की राजधानी दिल्ली में हुआ था. आ... Read more
उत्तराखण्ड में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
सामान्यतः जलवायु चक्र में दीर्घकालिक परिवर्तन जलवायु परिवर्तन कहलाता है. जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय में विश्व समुदाय के समक्ष एक बड़ी चुनौती के रूप मे उभरा है. यह एक व्यापक चुनौती है जिसके... Read more
मेरी आवाज़ सुनो…
पहाड़ की कराह निकली… वह बोला मैं टूट रहा हूँ, बचा लो मुझे! मैं धंस रहा हूँ, देखो संभालो मुझे! उसके तन-मन से जुड़े नदी, चट्टानों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों में उथल-पुथल मची... Read more
उत्तराखण्ड के बीहड़ गाँव से दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी तक ज्योति का सफ़र
उत्तराखण्ड के सीमांत जिले चमोली का एक छोटा सा कस्बा है देवाल. देवाल आसपास के गाँवों का ब्लॉक मुख्यालय तो है ही, यह सबसे लम्बी दूरी की हिमालयी यात्रा ‘नंदा राजजात’ का अहम् पड़ाव भी है. यही दे... Read more
शतरंज की दुनिया में उत्तराखण्ड का एक सितारा अपनी चमक बिखेरने की पुरजोर तैयारी कर रहा है. इस नन्हे प्रतिभावान खिलाड़ी का नाम है तेजस तिवारी. खिलौनों से मन बहलाने की उम्र में ही तेजस ने शतरंज... Read more
उत्तराखण्ड का वह गाँव जहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त एक दिन में दो बार होता है
क्या आपको पता है? उत्तराखंड के किस स्थान पर एक ही दिन में दो बार सूर्योदय और दो बार सूर्यास्त होता है? चलिए हम ही बताते हैं, वह स्थान है मालिपा यानि मालपा गाँव, हाँ! हाँ! वही मालपा गाँव जो 1... Read more
अगर आप उत्तराखण्ड के पक्षियों के बारे में व्यापक जानकारी देने वाली किताब कि तलाश में हैं तो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित यह किताब आपकी मंजिल हो सकती है. लीफ़बर्ड फ़ाउंडेशन द्वार... Read more
(नैनीताल से तल्ल्लुक रखने वाली त्रिमाला अधिकारी ने थिएटर से अभिनय की यात्रा शुरू की. ‘हंसा’ बड़े पर्दे पर उनकी पहली फ़िल्म थी. ‘हरामखोर,’ ‘भस्मासुर,’ ‘गार्बेज,’ जैसी फ़िल्मों में काम कर चुकी... Read more
(हल्द्वानी में नुक्कड़ नाटक करते हुए जसपाल शर्मा ने एक्टिंग कैरियर की शुरुआत की, फिर थिएटर करते हुए ‘तलवार’ से हिंदी सिनेमा की पारी. हिंदी मीडियम, टॉयलेट : एक प्रेम कथा, कुलदीप प... Read more
पहाड़ों को भी समझें अपना घर : रस्किन बॉन्ड
मैं पिछले छः दशकों से मसूरी में रह रहा हूँ. मसूरी में न होता तो शायद मैं इतना लिख भी नहीं पाता. सही मायनों में इन वादियों ने मेरे अन्दर के लेखक को बड़ा विस्तार दिया. मेरा जन्म कसौली में हुआ.... Read more