जै जिया के जयकारे से गूंजा रानीबाग
मकर संक्राति की सुबह कड़-कड़ाती ठंड में स्नान के साथ समाप्त होता जियारानी का मेला. इससे पिछली रात रानीबाग़ में गार्गी नदी किनारे में बैर गाये जाते हैं जागर लगाई जाती है. हुड़का, मसकबीन, ढोल, दम... Read more
घुघुतिया पहाड़ियों का सबसे प्रिय त्यौहार है. बिरला ही ऐसा कोई होगा जिसके भीतर घुघितिया की भीनी याद न होगी. देशभर में मकर संक्रांति के नाम से मनाया जाने वाला त्यौहार उत्तराखंड में घुघुतिया त्... Read more
दून घाटी में प्रवेश करते ही साल के खूबसूरत जंगल आपका स्वागत करते हैं. इस घाटी में आप चारों तरफ कहीं भी चले जांये छ सात किलोमीटर के बाद आपको सदाबहार साल के जंगल आपका मन मोह लेंगे. साल का पेड़... Read more
’प्राणो वा अन्नः’ अन्न ही प्राण है, यह वेदोक्त बात है. अन्न को ब्रह्म का स्वरूप भी कहा गया है, अन्न को देवता तुल्य माना गया है, जो हमारे शरीर का पोषण करता है. कुदरत ने मानव शरीर की संरचना इस... Read more
श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में यमुना के तट पर उनका कालियनाग से संघर्ष का वर्णन मिलता है. श्रीकृष्ण और कालिय नाग के मध्य हुए इस संषर्ष में जब श्रीकृष्ण विजयी होते हैं तो कालिय नाग को यमुना छोड़कर... Read more
मध्य हिमालय में जब कड़ाके की सर्दी बढ़ती है तो पेड़ अपने पत्तों को भी ख़ुद से अलग कर देते है. ख़ुद को बचाने वाले इस मौसम में मध्य हिमालय में उगने वाला पैयाँ का पेड़ है जिसपर इस जटिल मौसम में... Read more
बूड़ी देवी को चढ़ाई जाती है पत्थरों की भेंट
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को बाहरी आक्रमणकारियों के अलावा ठकुराइयों द्वारा एक दूसरे की गढ़ियों को हड़पने के लिए की जाने वाली लडाइयों का भी सामना करना पड़ता था. इन आक्रमणों का सा... Read more
अपनी-अपनी बोली के हिसाब से कोई उन्हें एजेंटी बूबू कहता है तो कोई अजेंडी बूबू. बूढ़े सफ़ेद कपड़े और सफ़ेद पगड़ी पहने लम्बी दाड़ी वाले एजेंडी बूबू अपने हाथ में अपने से लम्बी एक लाठी लेकर चलते... Read more
पहाड़ में छल-छिद्र, भूत-मसाण आये दिन लगे ही हुये. गाड़ गधेरे से चिपटने वाले छल-छिद्र तो घर के बुजुर्ग एक ही बभूत में निपटा देते थे. कई बुजुर्ग तो देश-परदेश से लौटे बच्चों के चेहरे देखकर ही ब... Read more
पिछली एक सदी में यह पहली बार होगा जब ऐतिहासिक जौलजीबी के मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा. 1962 के भारत तिब्बत युद्ध से पहले जौलजीबी का मेला भारत के सबसे बड़े व्यापारिक मेलों में शुमार था. काल... Read more