आज ज्येष्ठ मास की संक्रांति है. लगभग हर मास की संक्रांति को हमारे पहाड़ में किसी न किसी त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, इस संक्रांति को हमारे क्षेत्र में घ्वीड़ संक्रांति के रूप में मनाया... Read more
उत्तराखंड में देवी-देवताओं को ही नहीं असुरों व दानवों की भी पूजा की जाती है. यहां देवताओं की तरह पूजे जाने वाले असुरों के पूजा स्थल भी मौजूद हैं. ऐसा ही एक स्थान है पिथौरागढ़ में सिलथाम बस अ... Read more
रुद्रप्रयाग जिले के केदारखंड में मां मंदाकिनी के तट पर स्थित सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में कुछ समय पूर्व तक मन्नतें पूरी होने पर लोग बड़ी संख्या में जानवरों की बलि देते थे. जिसमें बकरी और भैंसा... Read more
श्री हनुमान धाम छोई
पिछले कुछ वर्षों में हनुमान धाम मंदिर रामनगर आने वाले पर्यटकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय रहा है. कार्बेट से लगा हनुमान धाम मंदिर इसी दशक में बना है. छोई गांव में स्थित यह भव्य मंदिर क्षेत्र मे... Read more
फुलदेई, उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध और बच्चों का खूबसूरत त्योहार है. फुलदेई शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है. फूल और देई (देळी) अर्थात देहरी. फुलसंग्रांद और फुल फुल माई नाम से भी ये त्योहार जाना... Read more
शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है उन्हीं रूपों में एक है शिवलिंग. पौराणिक कथानुसार माना गया है कि सबसे पहले शिव लिंग का पूजन उत्तराखंड की पवित्र भूमि से प्रारंभ हुआ. अल्मोड़ा जिले से 35 किमी... Read more
उत्तराखंड में बंसत पंचमी का दिन सबसे पवित्र दिनों में माना जाता है. कई स्थानों में इसे स्थानीय भाषा में सिर पंचमी भी कहा जाता है. कुछ स्थानों में आज यहां अपनी-अपनी स्थानीय नदियों को गंगा समझ... Read more
उत्तराखंडी लोक कला के विविध आयाम हैं. यहाँ की लोक कला को ऐपण कहा जाता है. यह अल्पना का ही प्रतिरूप है. संपूर्ण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोक कला को अलग-अलग नामों जैसे बंगाल में अल्पना, उ... Read more
दांत दर्द का ठेठ पहाड़ी ईलाज
पहाड़ों में जीवन अत्यंत कठिन है. इस कठिन जीवन को और अधिक कठिन बनाती है स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी. आज के वैज्ञानिक युग में हर रोग की दवा है हर रोग का इलाज है लेकिन जब विज्ञान न था... Read more
उत्तरायणी में कौवो को खिलाने की परंपरा के बारे में कई जनश्रुतियां एवं लोककथाएँ प्रचलित हैं. इनमें से एक लोक कथा इस प्रकार है– (Folktale About Uttarayani Festival) बात उन दिनों की है जब कुमाऊ... Read more