भगवत गीता के श्लोकों का कुमाऊंनी अनुवाद
भगवत गीता के श्लोकों का यह अनुवाद चारुचन्द्र पांडे द्वारा किया गया है. काफल ट्री में यह अनुवाद पुरवासी पत्रिका के 14वें अंक से साभार लिया गया है. (Kumaoni Translation of Bhagavad Gita) भौते... Read more
कुमाऊंनी लोक साहित्य में नारी का विरह
सामान्य जनों या आशुकवियों द्वारा मौखिक परम्परा के रुप में अभिव्यक्त साहित्य लोक साहित्य कहलाया. परिवेश के अनुसार उसकी अभिव्यक्ति विरह और मिलन दोनों रुपों में हुई है. नारी यों तो सृष्टि की वह... Read more
जहां जहां शिव आराध्य हैं वहां भैरव स्वयं ही आराध्य बन जाते हैं. बिना भैरव के दर्शन के भगवान शिव के दर्शन अधूरे हैं फिर वह काशी के विश्वनाथ हों या उज्जैन के महाकाल. आसितांग भैरव.(Kedarnath Bh... Read more
उतरैणी के बहाने बचपन की यादें
असौज का सारा कारोबार समेटकर जाड़ों में जब सारे काम निबट जाते तो हमारी बुब (बुआ) कुछ समय के लिए हमारे घर यानि अपने मायके आती. कभी नानि बुब (छोटी बुआ) तो कभी ठुलि बुब (बड़ी बुआ). जब दोनों आ जा... Read more
एक सरकारी स्कूल की सच्ची कहानी जिसकी दीवारों पर बच्चों ने अपने सपने रंगे हैं
एक स्कूल हो ऐसा जिसका हर कोना इतना सुंदर हो कि उससे बाहर जाने का मन ही न हो. ये सपना हर अभिभावक का होता है. इसके लिए वो अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा लगाने के लिए भी तैयार रहता है. फिर भी ऐसे स्क... Read more
प्रताप भैया यदि हमारे बीच होते तो 88 वर्ष आज के दिन पूरे करते. दस वर्ष पूर्व संसार से विदा हुए प्रताप भैया ने 78 बसन्त जिस जिन्दादिली, उत्साह एवं ऊर्जावान ढंग से बिताये, वह हर युवा के लिए ईष... Read more
भवाली, कुमाऊं क्षेत्र का प्रवेश द्वार होने के कारण देश के दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले परिब्राजक बद्रीनाथ, केदारनाथ आदि क्षेत्रों के तीर्थाटन को जब यहां से गुजरे तो इसके आस-पास का नयनाभि... Read more
चन्द्र सिंह राही, ग्रामोफोन, कैसेट, सी. डी. दौर की पहली पीढ़ी के गढ़वाली लोकगायकों में से एक थे. उनका जन्म 28 मार्च 1942 को हुआ और 10 जनवरी 2016 को वे इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए.... Read more
रूपकुंड के रहस्य से जुड़ी एक दिलचस्प लोककथा
कन्नौज के राजा और उसके राज्य पर देवी भगवती का कोप था. अच्छा धान बोने पर सोला उगता. लोग जब अच्छे गेहूँ की उपज की आशा लगाए बैठे थे, खेतों में गोबरी पैदा हुई. चने की फसल जब लोग काटने गए तो उन्ह... Read more
यूं तो आलू दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों में है लेकिन इसे वह इज्जत नहीं बख्शी जाती जिसकी हकदार ये है. माना जाता है कि इसका अपना कोई गुण और चरित्र नहीं है, ये हर सब्जी... Read more