सौ साल पुराने कुमाऊँ की तस्वीरें
एक ज़रूरी किताब कुमाऊँ (Kumaon) के बारे में 1905 में छपी ई. शर्मन ओकले (E. Sherman Oakley) की किताब ‘होली हिमालयाज: द रिलीजन, ट्रेडिशन्स, एंड सीनरी ऑफ़ हिमालयन प्रोविन्स’ (Holy Him... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66 पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 65 हल्द्वानी (Haldwani) दूसरे अतिक्रमणकारी वे हैं जो भूमिहीन हैं, भवनहीन है और सरकार से मांग... Read more
स्वामी विवेकानन्द की उत्तराखण्ड यात्राएँ
स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) ने अपने जीवनकाल में उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की चार बार यात्रा की. स्वामी विवेकानन्द द्वारा अपने मित्रों को लिखे पत्रों, उनके साथ भारत आये उनके शिष्यों... Read more
उत्तराखंड में आज शराब अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ बन गयी है. शराब बंदी का नारा देकर सरकार बनाने वाली पार्टियां हर साल शराब से राजस्व में 10% की वृद्धि लक्षित कर रही हैं. अधिनियमन बनाकर... Read more
भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले
-रवीश कुमार दो साड़ी लेकर जाती थीं. रास्ते में कुछ लोग उन पर गोबर फेंक देते थे. गोबर फेंकने वाले ब्राह्मणों का मानना था कि शूद्र-अतिशूद्रों को पढ़ने का अधिकार नहीं है. घर से जो साड़ी पहनकर न... Read more
पाण्डवाज़ का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
[एक ऐसे समय में जब कुमाऊँ-गढ़वाल का लोकसंगीत संभवतः अपने सबसे बुरे और बेसुरे दौर से गुज़र रहा था, ताज़ा हवा के एक झोंके की तरह ‘पाण्डवाज़’ नामक संगीत समूह ने प्रवेश किया और अपनी प्रोडक्शन-गुणवत्... Read more
1857 के ग़दर में काली कुमाऊँ का स्वतंत्रता सेनानी
भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखण्ड की भी अपनी भूमिका रही. उत्तराखण्ड के काली कुमाऊँ में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हाथ मजबूत करते हुए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत का बीज बोया ग... Read more
चचा ग़ालिब के जन्मदिन पर उनकी हवेली से एक रपट
सुबह जब गली मीर क़ासिम जान पहुंचा तो उनकी हवेली, जिसे अब एक स्मारक में तब्दील कर दिया गया है, के आसपास कुछ ख़ास नज़र नहीं आया. बाहर उनके पोते के साथ अपने बच्चे को मदरसे ले जाने के लिए रिक्शे का... Read more
देश में बनी पहली गढ़वाली फिल्म थी ‘जग्वाल’
बृहस्पतिवार, 4 मई 1983 का दिन. दिल्ली का रफ़ी मार्ग सैकड़ों की भीड़ से अटा हुआ था. रफ़ी मार्ग में स्थित मावलंकर आडिटोरियम के बाहर लोगों में टिकट लेने को लेकर होड़ लगी थी. मावलंकर आडिटोरियम के बाह... Read more
कुमाऊँ रेजीमेंट के सैनिक थे आजाद भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ
उत्तराखण्ड पूरे देश-दुनिया में कई क्षेत्रों में अपने नागरिकों के कामों से भी पहचाना जाता है. कई सामाजिक क्षेत्रों में उत्तराखंडियों का अच्छा दखल है. होटल-रेस्टोरेंट, पर्वतारोहण, मीडिया, साहि... Read more