1928 में नैनीताल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जे. एम. क्ले द्वारा एक किताब ‘नैनीताल: अ हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिपटिव अकाउंट’ प्रकाशित की गयी थी. इसके पहले अध्याय को नैनीताल के तत्कालीन असिस्टेंट... Read more
विज्ञान, मेडिकल अध्ययन और फिजियोलॉजी के क्षेत्र में दिया जाने वाला प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना मेमोरियल अवार्ड इस वर्ष राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र मोहम्मद कैफ को दिया... Read more
अंग्रेजों का रानीखेत प्रेम इतिहास के पन्नों में दर्ज है. यहाँ की आबोहवा उन्हें बहुत रास आई थी. ब्रिटिश राज के दौरान मैदानी इलाकों में गर्मी, मच्छरों और नमी जैसे अपरिचित तत्वों से जुझने को वि... Read more
कवि, लेखक महेशचंद्र पुनेठा की यह किताब शिक्षा के अनेक अनसुलझे -अधूरे सवालों का मात्र दुहराव भर नहीं, जैसा आपने और किताबों मे पढ़ा होगा ; बल्कि इसमें लेखक सुचिन्तित अध्यापक के साथ – साथ... Read more
भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल की संस्थापक प्रधानाचार्या कला बिष्ट की पुण्य तिथि पर
एक समय ऐसा भी था, जब नैनीताल ही नहीं पूरे प्रदेश के विद्यालयों में कला बिष्ट के अनुशासन की मिसाल पेश की जाती. नैनीताल स्थित भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल के संस्थापक प्रताप भैया को यदि... Read more
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र देहरादून के तत्वाधान में शनिवार, 5 अक्दूबर, 2019 को होटल इन्द्रलोक में लोकेश ओहरी की पुस्तक ‘द किंगडम कम ‘ का लोकार्पण व चर्चा का एक कार्यक्रम आयोजित... Read more
वह भी एक दौर था
अतीत की स्मृतियों में अभी भी ताजा है वो सब– मेरी उम्र की पूरी जमात हंसी-खुशी स्कूल जाती थी, टाट पट्टी में बैठती थी कलम और दवात से तख्ती पर लिखती थी और स्लेट पर खड़िया से आड़ी-तिरछी लक... Read more
मशीन में मिल जाने की कगार पर आ पहुंचा है इंसान
औद्योगिक क्रांति से अब तक इंसान बेहद गैर-ज़िम्मेदारी से अपने पर्यावरण को तोड़ने-मरोड़ने में लगे रहे. नतीजतन जलवायु से सम्बंधित एक बड़ी आपदा आज हमारे मुंह बाए खड़ी है. जिन तकनीकों के साथ आज ह... Read more
आओ मिलकर सोचें
[यह आलेख हमारे पाठक प्रबोध उनियाल ने आज यानी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भेजा है. उनका एक लेख हम पहले भी छाप चुके हैं – द लायन किंग: यदि आपस में ही हम लड़ते हैं तो फायदा किसका होता है]... Read more
दरियागंज का ऐतिहासिक किताब बाजार बंद
दिल्ली में किताबों के क़रीब जाने का सबसे अच्छा तरीक़ा होता था दरियागंज के फुटपाथ में रविवार को लगने वाला पुस्तक बाज़ार. थोड़ी सी मसक्कत और छानबीन के बाद आपको वो किताब नजर आ ही जाती थी जिसकी... Read more