गोमुख, गंगोत्री और तपोवन की यात्रा
गोमुख, गंगोत्री और तपोवन की यात्रा – चेतना जोशी अपनी सहूलियत से कभी धार्मिक होने, तो कभी नहीं होने में अपना मजा है. पर धर्म अगर पहाड़ों की सैर करा दे तो धार्मिक होना ही बेहतर है. यों तो... Read more
रानीखेत के करगेत से कानपुर तक खिंची एक पुरानी डोर
तीस के दशक में कभी रानीखेत तहसील के एक छोटे से गाँव करगेत से निकले पाँच भाइयों ने जब जीवन में अपने लिए कुछ सपनों के साथ शहर का रूख किया तो कानपुर का यही घर उनका ठिकाना बना जिसे उन्होंने बड़ी... Read more
बदलते परिवेश का पहाड़ – पहली क़िस्त
मुझे और मेरे सहपाठी रतन सिंह को जिस दिन चकराता से त्यूनी जाना था उसके एक रात पहले चकराता और आस पास के पहाडी क्षेत्रों में ज़बरदस्त बर्फ़बारी हो गयी थी और जिसकी वजह से लोखण्डी से त्यूनी जाने... Read more
शुभम धर्मशक्तू एक युवा यायावर है जो कश्मीर से कन्याकुमारी की 4000 किमी. से ज़्यादा लम्बी पैदल यात्रा पर निकल पड़ा है. 25 साल के शुभम सस्टैनेबिलिटी, प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन, प्लास्टिक निष... Read more
अमित साह का नैनीताल भाग – 2
अंग्रेजों के आधिपत्य के बाद ई. गर्डिन को 8 मई 1815 को कुमाऊं मण्डल के आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया. 1817 में कुमायूं के दूसरे आयुक्त जी.जे. ट्रेल ने कुमायूं के दूसरे राजस्व निपटान का स... Read more
धारचूला की व्यांस घाटी
कैलाश-मानसरोवर और आदि-कैलाश की पवित्र तीर्थयात्राओं का मार्ग उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में पड़ने वाली व्यांस घाटी से होकर गुज़रता है. इस घाटी का अद्भुत सौन्दर्य अपने कैमरे मे... Read more
बमराड़ी ढाबे में झोली डुबके के मज़े
कुमाऊँ के बागेश्वर और गरुड़ के ठीक बीच में एक छोटी सी बसासत पड़ती है – बमराड़ी. यहाँ से दोनों जगहें बारह-बारह किलोमीटर की दूरी पर हैं. इस जगह को पिछले कुछ समय से एक बेहतरीन ढाबे के कारण ख... Read more
बैजनाथ के शिव मंदिर की तस्वीरें
बैजनाथ का मन्दिर समूह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की गरुड़ तहसील में गरुड़ से कुल 2 किलोमीटर की दूरी पर है. गोमती नदी के किनारे पर स्थित यह बैजनाथ मन्दिर (Baijnath Temple ) लगभग एक हज़ार वर्ष पह... Read more
अमित साह का नैनीताल
15 जनवरी 1982 को नैनीताल में जन्मे युवा फोटोग्राफर अमित साह (Photo Essay on Nainital ) ने बीते कुछ वर्षों में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है. नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसब... Read more
रात में नींद अच्छी आयी. सुबह 7 बजे हमने अपना कंधार का टिकट लिया. बस बड़ी आरामदेह थी. छोटे-छोटे गांवों में जब हमारी बस रूकती तो प्यारे-प्यारे अफगानी बच्चे उबले अण्डे बेचने बस कके पास आ जाते. ग... Read more