विश्व भर में जलवायु परिवर्तन का हो हल्ला मचा हुआ है, जहां पहले नदियां बहती थी वहां सूखा पड़ा हुआ है. बर्फ़ से लदे रह चांदनी रात में चमकने वाले पहाड़ अब काले पड़ गए हैं पर विश्व अभी भी प्रदूष... Read more
पिछले कुछ दशकों में हिमालयी क्षेत्रों में विकास के नाम पर जबरन शहरीकरण थोपा जा रहा है. शिमला, नैनीताल, दार्जिलिंग, गंगटोक आदि कुछ ऐसे शहरों के नाम हैं जो दिन पर दिन बदसूरत होते जा रहे हैं. इ... Read more
नैनीताल जिले का तराई-भाभर क्षेत्र
नैनीताल जिले का तराई-भाभर क्षेत्र शिवालिक पर्वत की जड़ में स्थित है. पहाड़ों से तेजी से बहकर आने वाली नदियों और भारी बारिश से हुए भूस्खलन की वजह से पहाड़ से बहकर आने वाले कंकड़, पत्थर और मिट... Read more
बाघिन का घातक हमला
कुछ दिनों पहले की बात है, मैं रामनगर की कोसी नदी पर सूर्यास्त को अपने मोबाइल पर क़ैद कर रहा था. पानी में पढ़ती हुई सूर्य की गुलाबी किरणें नदी को एक अलग ही सौन्दर्य प्रदान कर रही थी. (M... Read more
12 अगस्त, 2020 को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व हाथी दिवस’ मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य हाथियों के संरक्षण, उनके गैर-कानूनी शिकार और उनके दाँतों के लिए होने वाली तस्करी को रोकने, उनके कम हो... Read more
संयुक्त प्रान्त के गवर्नर के नाम पर आज ही के दिन बना था वर्तमान ‘जिम कार्बेट पार्क’
गढ़वाल के राजा ने गोरखों को भगाने में मदद करने के बदले में ईस्ट इण्डिया कम्पनी को अपने राज्य का एक बड़ा हिस्सा देना पड़ा. वर्तमान में जिम कार्बेट के नाम पर बने इस पार्क का क्षेत्र अंग्रेजों... Read more
जन्मदिन की शुभकामनायें जिम कॉर्बेट साहब
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875-19 अप्रैल 1955) जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से दुनिया भर के लोग भली भाँति परिचित हैं. इस पार्क को यह नाम जेम्स एडवर्ट जिम कॉर्बेट से मिला. (Edward James Corbe... Read more
कहानी जंगल की : एक शानदार दिन
पिछले सोमवार की बात है जब वाट्सएप स्टेट्स के माध्यम से मुझे पता चला कि एक बाघ सुबह रामनगर सिताबनी मार्ग पर कोसी की तरफ जाता हुआ दिखा है. देखने से ये वही बाघिन थी जो इस क्षेत्र में अक्सर नज़र... Read more
उत्तराखंड में आज बड़ी धूम से लोकपर्व हरेला मनाया गया. हरेला पर्व की के दिन जहां दिन भर जगह-जगह वृक्षारोपण के कार्यक्रम हुये वहीं सोर घाटी में हरेला सोसायटी के युवा पारम्परिक अंदाज में लोकपर्... Read more
हम जब कॉलेज में थे तो एक बार पिकनिक में सातताल गये. धूपचैड़ से आगे बढ़ते ही ऊँचाई से घने बांज के जंगलों के बीच गहराई में बसी झील का जो पहला दृश्य मैंने देखा वह मेरी स्मृति में अभी तक बसा है.... Read more