भारत में गुरु को ईश्वर से अधिक कर दर्जा दिया जाता है. इसके बावजूद भारत में सरकारी स्कूल के शिक्षकों से जुड़ी बड़ी ख़राब खबरें आये दिन पढ़ने को मिलती हैं. उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों का क्या हाल... Read more
गिर्दा का एक इंटरव्यू जिसे जरूर पढ़ा जाना चाहिये
गिरदा की 9वीं पुण्यतिथि पर वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव रौतेला से वर्ष 2006 में प्रकाशित उनकी बातचीत का अंश : आप आखिर क्यों गैरसैंण के पीछे पड़े हुए हैं, किसके लिएॽ अब लड़ाई अपनों से है क्योंकि यह... Read more
खड़कदा – देवेंद्र मेवाड़ी की कहानी
कहानी की कहानी – 4 बखतऽ तेरि बलै ल्यूंल. तेरी बलिहारी जाऊं बखत (वक्त). कितना कुछ चला जाता है बखत के साथ. अब बताइए, आज कौन जानता है कि खड़कदा भी थे कभी? लेकिन, खड़कदा थे और खूब थे. आते-... Read more
भारत की पहली लड़ाका कौम : काली-कुमाऊँ के ‘पैका’ और उड़ीसा के ‘पाइका’ योद्धा
काली-कुमाऊँ के ‘पैका’ और उड़ीसा के ‘पाइका’ योद्धा: भारत की पहली लड़ाका कौम, जो कभी हिमालय से ओड़िसा तक फैली थी -लक्ष्मण सिह बिष्ट ‘बटरोही’ हिमालय की गोद में बसे कुमाऊँ की पुरानी राजधान... Read more
मां और खुशबुओं के बेर
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: इस दुनिया में असंख्य लोग भूखे जी रहे हैं इस वक्त रात के सन्नाटे में मैं अकेली जगी हूं मेरी जान. नींद नहीं आ रही थी सो मैं प... Read more
आज भिगाते हैं सातों-आठों लोकपर्व के लिये बिरुड़े
कुमाऊं के गांवों में आज से सातों-आठों लोकपर्व की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. सातों-आठों कुमाऊं में बड़े उल्लास मनाया जाने वाला लोकपर्व है. (Biruda Panchami ) बिरुड़े का अर्थ पांच या सात प्रकार... Read more
सिमटती पुस्तकालय संस्कृति
कई पुस्तकालय ऐसे भी हैं जहां पाठकों की संख्या तो पर्याप्त दिखाई देती है पर वे वित्तीय व अन्य संसाधनों की समस्या का सामना कर रहे हैं. इनमें प्रशिक्षित और व्यावसायिक पुस्तकालय कर्मियों का अभाव... Read more
गरुड़ गंगा गोमूत्र रत्नावली
ग से गरुड़ गंगा के गंग लौड़ों की रेडियोधर्मिता से अभिसिक्त व गो से गोमूत्र की सरल आणविक शक्तियों द्वारा सिंचित रहस्यमयी टुटकों के चुटकों को उधेड़, लोक कल्याण की पावन कामना से खुड़पेंची... Read more
लोकतंत्र में सबसे बड़ा मत ध्वनि मत है
बहस बहुत देर से चल रही थी. कोई किसी निर्णय तक नहीं पहुँच पा रहा था. प्रश्न ऐसा था जिससे पूरे मोहल्ले का भविष्य तय होना था. चर्चा वहाँ पहुँच चुकी थी जहाँ से आगे एक बंद गली थी. मोहल्ले के आधे... Read more
कोको शैनेल फ़्रांस की एक आधुनिकतावादी ड्रेस डिजाइनर थीं जिनके सीदे सपाट पैटर्न्स ने पश्चिमी दुनिया की महिलाओं के वस्त्रों के क्षेत्र में क्रान्ति ला दी थी. मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ द्... Read more