टकाना रामलीला का प्रारम्भ से अब तक का सफर व मंचन बहुत ही सुन्दर, सराहनीय और लोकप्रिय रहा है. हमेशा अपने-अपने किरदार में सभी पात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर जनता को आनंदित किया है. टकाना रामली... Read more
नैनीताल के डुट्याल व उनसे जुड़े रोचक किस्से
डुट्याव या डुट्याल शब्द जेहन में आते ही एक बेवकूफ, बेशऊर, बदनुमा से इन्सान का चित्र उभरता है- पसीने से तर-बतर, बोझ तले दबे अंगुलियों के पोरों से माथे के पसीने को झाड़ता, चूड़ीदार पैजामा, लम्... Read more
चरैवेति चरैवेति के संदेश से अभिप्रेरित था ‘प्रताप भैया’ का व्यक्तित्व: पुण्यतिथि विशेष
वर्ष 1975 के जनवरी माह की कोई तारीख रही होगी, सही से याद नहीं, लेकिन इतना अवश्य याद है कि वह शनिवार का दिन था. जाहिर है कि प्रताप भैया हर रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण पर निकल जाया कर... Read more
ऐड़ी: ऊंचे शिखरों पर रहने वाले लोक देवता
गांव में यह परम्परा थी कि जब भी गाय ब्याती (प्रसव) तो 22 दिन पूरे होने पर उस गाय का दूघ ऐड़ी देवता के मन्दिर में अर्पित किया जाता. 22 दिन से पूर्व का दूध ऐड़ी देवता को चढ़ाने के लिए अशुद्ध म... Read more
पाइन्स तब हमारे लिए ‘पेनल्टी प्वाइन्ट’ हुआ करता
पर्यटक देशी हो अथवा विदेशी अथवा सूदूर पहाड़ों के गंवई हों, नैनीताल को एक बार देखने की चाहत सभी में रहती है. हो भी क्यों न, छोटी विलायत जो ठहरा नैनीताल. नैनीताल की सुषमा अपनी जगह है, जो कुदरत... Read more
बचपन में दशहरा द्वारपत्र बनाने की ख़ुशगवार याद
जब हम छोटी कक्षाओं के छात्र हुआ करते और बड़े भाई जो घर के मुखिया भी थे, पुरोहिती का कार्य करते थे. उस दौर में दशहरा द्वार पत्र मुद्रित रूप में नहीं हुआ करते थे, अगर होते भी होंगे तो बड़े महा... Read more
श्रद्धालुओं में निराशा है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते 15 जून को कैंचीधाम में आयोजित होने वाला मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा का विशाल वार्षिक समारोह पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी नहीं हो प... Read more
गाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन में
किसी भी सभ्य समाज में गाली एक कुत्सित व निदंनीय व्यवहार का ही परिचायक है, जिसकी उपज क्रोधजन्य है और परिणति अपने मनोभावों से दूसरों के दिल को चुभने वाले शब्द कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करना... Read more
कुमाऊं के रणबांकुरों की विरासत है छोलिया नृत्य
कुमाऊं की बेजोड़ सांस्कृतिक परम्पराओं व लोककलाओं का अपना समृद्ध इतिहास रहा है. इन लोकपरम्पराओं की जड़ें हमें अपने इतिहास तथा पुरातन समाज की गौरवपूर्ण गाथाओं से भी जोड़ती हैं. कुमाऊं का प्रति... Read more
वाह रे! तू भी क्या किस्मत लेकर आया इस दुनियां में. पथरीले पत्थरों के बीच से तेरा ये दीदार बहुत कुछ कह जाता है, पहाड़ की इस पहाड़ सी जिन्दगी और अपने वजूद की जुत्सजू की दास्तां. पत्थरों से भी... Read more