मूसा सौन और पंचू ठग की कुमाऊनी लोककथा
बहुत समय पहले बमौरा नाम का एक गाँव था जहाँ के निवासी बहुत संपन्न थे. उस गाँव के पड़ोस में एक लुटेरा डाकू रहता था जिसका नाम पंचू ठग था. उसने आसपास के गाँवों की महिलाओं को आतंकित कर रखा था – व... Read more
लोमड़ और तीतर की पक्की दोस्ती की कथा
एक लोमड़ की एक तीतर से दोस्ती हुई. एक बार लोमड़ ने कहा कि उसे भूख लगी है और उसे खाना चाहिए. तीतर एक घराट (पनचक्की) के दरवाजे पर गया और वहां जाकर उसने अपने पंख फड़फड़ाए. घराट का मालिक चक्की प... Read more
कल हमने आपको कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं पर आधारित ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से एक कहानी पढ़वाई थी – बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष... Read more
बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा
ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ में कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं का विशाल संग्रह पढ़ने को मिलता है. Kumaoni Folklore by Oakley and Gairola इस प... Read more
अपनी समृद्ध कुमाऊनी बोलने में शर्म क्यों आती है
“और डियर तू तो इंग्लैण्ड जाणी वाल छै बल” – इस ज़रा से कुमाऊनी वाक्य के विन्यास में सबसे ज़रूरी शब्द है – “बल”. यानी इस वाक्य को जो आदमी कह रहा है उसने किसी से सुना है कि सुनने वा... Read more
इस तस्वीर को ऊपर से नीचे तक गौर से देखे जाने की जरूरत है. सबसे ऊपर रेलवे की पटरी है. इसे बनाने में लगे लोहे की भी कहानी होगी. जमीन के भीतर से अयस्क निकाल कर उसे भट्टी तक पहुंचाने तक कई हाथों... Read more
मेरे दादाजी बलशाली व्यक्ति रहे होंगे. हम छुट्टियों में गाँव जाते थे. दादाजी रात को किस्से सुनाते. हर पिछली शाम को घर लौटते समय उनका सामना गाँव की सरहद पर स्थित गुजरौ गधेरे में स्थाई रूप से र... Read more
उसकी आँखें अफ़साने कहती थीं – इरफ़ान की याद
एक. Irrfan Khan Remembered Ashok Pande एक टीवी शो में उसने कहा था – “एनएसडी में जाने से पहले मैं एक अंडे के भीतर था. मैं पैदा भी नहीं हुआ था. वहां दाखिला मिलने के बाद ही मेरा जीव... Read more
आज शैलेश मटियानी जी को गए उन्नीस साल बीत गए
उनके पास बहुत सारी भाषाएँ थीं जिन्हें वे जीवन भर तराशते रहे. उनके यहाँ असंख्य ठेठ गंवई पात्र हैं तो अभिजात्य से भरपूर स्त्रियाँ भी. वे रमौल-बफौलों की कहानी को किसी अनुभवी जगरिये की सी साध के... Read more
प्रेमपरकास की बछिया
प्रेमपरकास अग्गरवाल का खानदान पिछली तीन पीढ़ियों से उस पहाड़ी कसबे में तिजारत कर रहा था. तनिक मुटल्ले प्रेमपरकास से मेरी स्कूल के समय से ही दोस्ती थी. उसके एक हाथ में छः उंगलियाँ थीं और उसका... Read more