कभी झूठ न बोलने वाले मोहम्मद की कहानी
अफ्रीकी लोक-कथाएँ : 1 बहुत पुरानी बात है मोहम्मद नाम का एक अक्लमंद इंसान था. वह कभी झूठ नहीं बोलता था. इलाके में दूर दूर तक लोग इस बात के लिए उसे जानते थे. राजा ने मोहम्मद के बारे में सूना त... Read more
पहाड़ों का राष्ट्रीय खेल दहल पकड़
दशहरा त्यौहार के दौरान नगर-नगर ग्राम-ग्राम में दबा कर द्यूतक्रीड़ा होती है. इस क्रीड़ा का पहाड़ों में विशेष महात्म्य माना गया है और दहलपकड़ का नाम इसके प्रतिनिधि प्रारूप के रूप में सैकड़ों वर्षों... Read more
सिटौला और घुघुता
वैसे तो ऊपर के चित्र में दिख रही चिड़ियां कुमाऊँ में बहुतायत से पाई जाती हैं और इनके कॉटेज मैना और स्पॉटेड डव जैसे आकर्षक अंग्रेज़ी नाम भी हैं लेकिन कुमाऊनी बोली में इन दोनों को ख़ास तरीकों से... Read more
गट्टू भाई की दानवीरता
एक क़स्बे के लिहाज़ से गट्टू भाई ख़ासे पैसे वाले थे और पुराने नवाबों की फ़ितरत रहते थे. उसी हिसाब के उनके शौक और खर्चे भी थे. आज से पच्चीस-तीस साल पहले के बखत के हल्द्वानी शहर में जब ठीकठाक ज़िंद... Read more
गेलिक भाषा में एक शब्द होता है – “usquebaugh”, जिसका अर्थ हुआ “जीवनजल”. ध्वनि के आधार पर यह शब्द कालान्तर में “usky” बन गया. जब अंग्रेज़ी भाषा ने इसे... Read more
सीसमहल में रहने वाले गट्टू भाई हद दर्जे के गपोड़ी हैं. और मुझे उनका साथ अच्छा लगता है. दारू पीते हैं तो उनका तकिया कलाम होता है – “ज़रा बनइयो एक बौव्लेंडर बेटे”. बताता चलूँ... Read more
शेरदा अपनी जगह पर बने रहेंगे – अद्वितीय
पहली बार नैनीताल के एक शरदोत्सव में हुए कुमाऊंनी कवि सम्मलेन में शेरदा को कविता पढ़ते सुना. कुमाऊं के उस बेजोड़ शोमैन का मैं तुरंत दीवाना हो गया था. बीस-तीस और कविगण भी मंच पर शोभायमान थे और... Read more
माधुरी दीक्षित, नानाजी और पानी की बोतल का किस्सा
नानाजी किसी बीमा कम्पनी में लम्बी नौकरी कर बड़ी पोस्ट से रिटायर हुए थे. सगे नाना नहीं थे. किसी रिश्ते से माँ के चचा लगते थे. हमारे बचपन में जाड़ों के दिनों वे हमारे घर आते तो दो-दो, तीन-तीन मह... Read more
वह वन डे क्रिकेट का सबसे काला क्षण था
अगर टेस्ट क्रिकेट का सबसे शर्मनाक अध्याय बॉडीलाइन सीरीज़ के रूप में इंग्लैण्ड के कप्तान डगलस जार्डीन ने १९३० के दशक में लिखा था तो वन डे सीरीज़ में यह काम करनेवाले और कोई नहीं भारत के पूर्व को... Read more
बिड़ला वाले बिष्टजी और गेठिया के भूत
बिष्ट गुरु जी नैनीताल के मेरे मशहूर रेजीडेंशियल स्कूल में हॉबी के पीरियड्स के दौरान बच्चों को अपनी वर्कशॉप में मैटलवर्क सिखाया करते थे. क्लासरूम में प्रायः किसी अध्यापक के छुट्टी में गए होने... Read more