1977 में मैं करीब दस साल का था. दो साल पहले जब इमरजेंसी लगी थी, हम लोग अल्मोड़ा में रहते थे. इमरजेंसी की सबसे ठोस स्मृति के तौर पर मुझे याद आता है कि हमारे पड़ोस में रहने वाले एक वकील साहब, जि... Read more
गोविन्द राम काला का परिचय यूं दिया जा सकता है कि वे उत्तराखंड के उन चुने हुए लोगों में से थे जिन्होंने 1911 में ही इन्टरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली थी. उस ज़माने में इतनी शैक्षिक योग्यता बहुत... Read more
कितना कम जानते हैं हम तिब्बत के बारे में
तिब्बत विद्रोह दिवस आज दस मार्च है. (Tibetan Uprising Day 2019) मैं यह इस लिए याद दिला रहा हूँ कि आज यानी के दिन दुनिया भर में रह रहे शरणार्थी तिब्बती तिब्बत विद्रोह दिवस मनाते हैं. वर्ष 195... Read more
बच्चों की चड्ढी और होस्यार सुतरा
उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं आज से शुरू हो रही हैं. आज इंटर के पेपर से इसकी शुरूआत होगी. हमारी शिक्षा व्यवस्था कितनी शानदार है यह किसी से छुपा नहीं है. बच्चों पर परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने... Read more
क्रिकेट का असली डॉन
आज क्रिकेट के सर्वकालीन महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले डॉन ब्रैडमैन की पुण्यतिथि है. साल 2001 में आज ही के दिन उनका देहांत हुआ था. कहा जाता है कि जिसने मीर तक़ी मीर का नाम नहीं सुना, उसे उर्द... Read more
शतरंज का पहला हिन्दुस्तानी खलीफ़ा
शतरंज का नाम लेते ही किसी भी भारतीय के मन में स्वाभाविक रूप से विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनन्द की तस्वीर उभरती है. लेकिन 1930 के आसपास एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी दुनिया भर के चैम्पियनों को हरा चु... Read more
पंडित नैनसिंह रावत : घुमन्तू चरवाहे से महापंडित तक
मुनस्यारी से शुरू होने वाली जोहार घाटी के कोई दर्ज़नभर गाँवों में रहने वाले अर्द्ध-घुमन्तू, पशुचारक, व्यापारी शौका समुदाय के लोग शताब्दियों से तिब्बत के साथ व्यापार करते रहे थे. इसी जोहार घाट... Read more
गुलों में रंग भरे: जन्मदिन पर मेहदी हसन की याद
उस्तादों से लगी लगन तब न कविता की तमीज़ थी न संगीत समझने की. बीस-बाईस की उम्र थी और मीर तकी मीर का दीवान सिरहाने रख कर सोने का जुनून लग चुका था. उनके शेर याद हो जाया करते और सोते-जागते भीतर ग... Read more
मृत्यु को मजाक बना देने में उस्ताद हैं हम
नदी किनारे एक बड़े पत्थर पर थका बैठा मैं इंतज़ार कर रहा था कि चिता किसी तरह आग पकड़ ले, जल जाए और झटपट किसी सही से अड्डे पर जाकर कुछ खा लूं. भूख से पेट ऐंठ रहा था. मैं बिना नाश्ता किये यह सुनत... Read more
चेकोस्लोवाकिया के भूत-भिसौणों के किस्से
भूत-प्रेत और उनके अस्तित्व और उनके बारे में प्रचलित बेहद रचनात्मक किस्से-कहानियां बचपन से ही मुझे बहुत आकर्षित करते रहे हैं. कथावाचन की परम्परा में इन महानुभावों का बड़ा ज़रूरी और महत्वपूर्ण स... Read more