कुमाऊनी में सभी दीर्घ स्वरों के हृस्व रूप भी मिलते हैं. कहीं-कहीं यह हृस्वात्म्कता अर्थ्भेदक भी है. जैसे – (Main Characteristics of Kumaoni Language) आ'म = दादी,नानी आम = फल विशेषखे'ल... Read more
उन दिनों मेरे पिता टिहरी -गढ़वाल रियासत की राजधानी नरेन्द्रनगर के पास फकोट नामक स्थान पर तैनात थे. वहां एक राजकीय उद्यान था, पिता उसके अधीक्षक थे. उस उद्यान में सिर्फ सब्जियां उगाई जाती थीं.... Read more
अपने ही कलाकारों का तिरस्कार कर संस्कृति का कैसा महोत्सव मनाया जा रहा है अल्मोड़ा में
मैं ये बात अब कहना जरूरी समझता हूँ या अब चुप नहीं रहा जाता. कल ठीक इसी समय फ़ोन पर अपने दगड़ी से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि एक महान लोकगायक की बेटी के लिए अपना इलाज कराना असंभव हो रखा है ह... Read more
बनारस के निष्कलुष हास्य और शार्प विट से बुना गया है आशुतोष मिश्रा का पहला उपन्यास
‘राजनैत’ लेखक आशुतोष मिश्र का पहला उपन्यास है. अपनी पहली ही रचना में उन्होंने प्रवाहमय विट-संपन्न गद्य लिखा है. उनमें एक समर्थ प्रतिभाशाली लेखक की झलक मिलती है. Review Ashutosh M... Read more
शैलेश मटियानी की एक अमर कहानी
पापमुक्ति – –शैलेश मटियानी Paap Mukti Story Shailesh Matiyani घी-संक्रांति के त्यौहार में अब सिर्फ दो ही दिन शेष रह गए हैं और त्यौहार निबटते ही ललिता अपने घर, यानी अपनी बड़ी दीदी... Read more
बम्बइया पिक्चर की कहानी, दिल्ली की थकान और कुमाऊं का लोकगीत: देवेन मेवाड़ी की स्मृति में शैलेश मटियानी
सन् साठ के दशक के अंतिम वर्ष थे. एम.एस.सी. करते ही दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में नौकरी लग गई. आम बोलचाल में यह पूसा इंस्टिट्यूट कहलाता है. इंस्टिट्यूट में आकर मक्का की फसल पर शो... Read more
हम सब जानते हैं कि उनकी शिक्षा नहीं हुई थी. मैट्रिक का इम्तहान वे नहीं दे पाए थे. पहाड़ की जो स्थितियां थीं उसमें उन्हें भागकर बंबई जाना पड़ा. बहुत ही विकट स्थितियां थीं. आर्थिक रूप से और मा... Read more
शेखर जोशी की कालजयी कहानी ‘दाज्यू’
दाज्यू -शेखर जोशी चैक से निकलकर बाईं ओर जो बड़े साइनबोर्ड वाला छोटा कैफे है वहीं जगदीश बाबू ने उसे पहली बार देखा था. गोरा-चिट्टा रंग, नीला श़फ्फ़ाफ़ आँखें, सुनहरे बाल और चाल में एक अनोखी मस्... Read more
देहरादून में शुरू हुआ विरासत – 2019
आज यानी 11 अक्तूबर को शाम 7 बजे से कुमाऊँ के प्रसिद्ध लोक नृत्य छोलिया से विरासत के 23वें संस्करण का भव्य शुभारंभ हो गया है. पिछले 25 वर्षों से विरासत देहरादून वासियो को सम्पूर्ण भारत की सं... Read more
अगर आप उत्तराखंड से हैं और आपने लाटा शब्द नही सुना तो आप सच में लाटे ही हैं. कितनी ही बार आप लाटा बनें होंगें और कितनी ही बार आपने लोगों को ‘लटाया’ होगा. लाटा का शाब्दिक अर्थ जो भ... Read more