मूसा सौन और पंचू ठग की कुमाऊनी लोककथा
बहुत समय पहले बमौरा नाम का एक गाँव था जहाँ के निवासी बहुत संपन्न थे. उस गाँव के पड़ोस में एक लुटेरा डाकू रहता था जिसका नाम पंचू ठग था. उसने आसपास के गाँवों की महिलाओं को आतंकित कर रखा था – व... Read more
ईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय याद
बढ़ती उम्र के साथ पहाड़ में अकेले न रह पाने की विवशता के कारण गोविंदी हल्द्वानी आकर मकानों के जंगल में कैद हो गई. आज सात साल हो गए लेकिन सात मिनट को भी गोविंदी का मन यहां नहीं लगा. भरा पूरा... Read more
लछुली की ईजा – भुवन चन्द्र पन्त की कहानी
प्रायः सुनसान सा रहने वाला लछुली की ईजा का घर-आंगन, आज एकाएक गांव के लोगों से खचाखच भरा था. यह भीड़ किसी उत्सव की न होकर उन लोगों की थी जो लछुली की ईजा को अन्तिम विदाई देने पहुंच रहे थे. बेट... Read more
चलते चलते अचानक मेरे पैर जहाँ के तहाँ ठहर गये. अग़ल-बग़ल उठ आये मकानों के बीच इस मकान को खोजना मुश्किल हो रहा था लेकिन पहचान तो पुरानी थी. यही तो था वो घर जिसकी दीवारों, खिड़कियों और आँगन से... Read more
कल हमने आपको कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं पर आधारित ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से एक कहानी पढ़वाई थी – बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष... Read more
बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा
ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ में कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं का विशाल संग्रह पढ़ने को मिलता है. Kumaoni Folklore by Oakley and Gairola इस प... Read more
कुमाऊनी लोककथा- पत्नी और बच्चों के लिये बाघ के उड्यार पर कब्जा जमाने वाले सियार की कहानी
कहते हैं काली नदी के किनारे के घने जंगल में एक आलसी सियार और उसका परिवार रहता था. जंगल की ओट में कभी इधर कभी उधर रहने वाले उसके परिवार में एक पत्नी और दो बच्चे हुआ करते थे. शादी के बाद से ही... Read more
हल्द्वानी वाले बुआ-फूफा जी और उनके स्मार्ट फोन
उनकी गृहस्थी सुन्दर थी. फूफा बुआ को स्कूटर पर घुमाते थे. हर इतवार या छुट्टी के दिन वे दोनों किसी न किसी रिश्तेदार के यहाँ हो आते थे. दो से तीन होने पर भी आने जाने का यह सिलसिला बना रहा. फूफा... Read more
रेवती रोई नहीं : एक सशक्त पहाड़ी महिला की कहानी
रानीखेत रोड से होती हुई रेवती लकड़ियों की गढ़ोई (बंडल) लेकर जैसे तंबाकू वाली गली से गुजरी, जमनसिंह की आँखों में चमक-सी आ गई. आलस में सुस्ता रहे शरीर में करंट-सा दौड़ गया. उसने अध लेटे शरीर क... Read more
बड़ी पुरानी बात है, जाड़ों के दिन थे. पहाड़ पार जंगल में चरने गयी बकरियों में एक गर्भवती बकरी जंगल में ही छुट गयी. जंगल में एक बाघिन भी रहती थी. गर्भावस्था के चलते बाघिन इन दिनों शिकार पकड़न... Read more