सच्चा उपहार
-ओ हेनरी एक डालर और सत्तासी सेंट. बस ! इनमें से भी साठ सेंट के पैनी. पैनी, जो कभी धोबी, कभी भाजीवाले, कभी कसाई के साथ होशियारी बरत कर, एक-एक दो-दो करके बचाये गये थे, जिनसे सौदा करने में कंजू... Read more
सत्यजित रे की कहानी : सहपाठी
अभी सुबह के सवा नौ बजे हैं. (Story of Satyajit Ray) मोहित सरकार ने गले में टाई का फंदा डाला ही था कि उस की पत्नी अरुणा कमरे में आई और बोली, ‘तुम्हारा फोन.’ ‘अब अभी कौन फोन... Read more
अन्तोन चेख़व की कहानी : वान्का
नौ वर्ष का वान्का झूकोव, जिसे तीन महीने पहले अल्याखिन मोची के यहाँ काम सीखने भेजा गया था, बड़े दिन से पहले वाली रात को सोने नहीं गया. वह इन्तजार करता रहा और जब उसका मालिक और मालकिन तथा वहाँ... Read more
‘कथा कहो यायावर’ देवेन्द्र मेवाड़ी की नई किताब
यह मन ही तो है, जो नन्हे बीजों को उगते, फूलों को खिलते, तितलियों को उड़ते, नदियों को बहते, झरनों को झरते , सागरों को गरजते, बारिश को बरसते, बादलों को उमड़ते और सितारों को चमकते हुए देखने के... Read more
कहानी : मिसेज ग्रीनवुड
अल्मोड़ा के उत्तर की ओर सिंतोला वन पड़ता है. बाँज, देवदार, चीड़ और काफल के घने गाछों से घिरे सिंतोला वन में मिसेज ग्रीनवुड अपनी छोटी-सी ‘ग्रीनवुड कॉटेज’ में रहती हैं. मिसेज ग्रीन... Read more
स्त्रियों के लिये वर्जित नंदादेवी राजजात की पहली महिला यात्री ‘गीता गैरोला’ के यात्रा वृतांत: ये मन बंजारा रे
पहाड़ों की तेज ठंडी ताकतवर हवा, मुझे मेरे पिट्ठू के साथ सर्पीली पगडंडियों पर सहलाती हुई मेरी थकान उतार देती हैं. मेरी आँखें घनी गहरी हरियाली से सजे जंगलों, दूर ऊँची बर्फ़ीली छोटी से तेजी से... Read more
माफ़ करना हे पिता
सभी के होते हैं, मेरे भी एक (ही) पिता थे. शिक्षक दिवस सन् २००१ तक मौजूद रहे. उन्होंने ७१-७२ वर्ष की उम्र तक पिता का रोल किसी घटिया अभिनेता की तरह निभाया मगर पूरे आत्म विश्वास के साथ. लेकिन म... Read more
ईजा
आज उसके मन में जाने कैसी उथल पुथल मची है. सारी रात करवटें बदलते हुए ही गुजरी और न जाने कब सवेरा हो गया. ईजा ने एक झटके में उसके सिर से रजाई हटाई और बोली, जल्दी उठ, पंडितजी आने वाले होंगे. इत... Read more
शैलेश मटियानी की कहानी : उसने तो नहीं कहा था
राइफल की बुलेट आड़ के लिए रखी हुई शिला पर से फिसलती हुई जसवंतसिंह के बाएँ कंधे में धँसी थी, मगर फिर भी काफी गहरी चोट लग गई थी. उसकी आँखें इस वेदना से पथराकर यों घूम गई थीं, जैसे गोली खेलने म... Read more
आम बहुत ख़ास है.
आम फलों का राजा है. ना ! ये राजा नहीं चक्रवर्ती सम्राट है फलों का. दुनिया में ज़्यादातर देशों में भले लोकतंन्र हो और वहाँ के आम लोग चुनाव जीतते ही मद में चूर होकर ख़ास होने के दर्प से तमतमाए... Read more