Related Articles

3 Comments

  1. Rajneesh tyagi

    शानदार जबरदस्त जिंदाबाद,
    बहुत ही सधी भाषा, शैली में लिखा है, कहीं भी क्रम नहीं टूटता दिखा और मैं इस लेख को पूरा पढ़ने से नहीं रोक पाए। आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं

  2. Kailash singh garia

    **ज्ञान**की महिमामंडन प्रोसेस में जितनी तल्लीनता और गहराई की आवश्यकता थी,वह आपकी लेखनी ने पूरी शिद्दत से निभाया है,पाकीजा फ़िल्म की अभिनेत्री के मात्र पैरों को देखकर अभिनेता ने मुहब्बत को जिस चरम शिखर तक पहुंचाया था,वही पाकीजा मुहब्बत की ताकत उप्पर नीली छतरी वाले ने आपकी लेखनी को भी बख्शी है ,,,बिषय कोई भी हो ,,आपकी कलम को अपना किदार निभाना बाखूबी आता है।
    जय हो

  3. Anugrah Sharma

    Beautifully written… It has clear message for society.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2024©Kafal Tree. All rights reserved.
Developed by Kafal Tree Foundation