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4 Comments

  1. सुशील

    पुलिस अधीक्षक के पद पर कर लीजिये। लेखन बाँधता है।

  2. Kafal Tree

    शुक्रिया. गलती सुधार ली गयी है.

  3. नरेंद्र

    बहुत खूब सर , क्या ज़माना था A T I का । हमारे लिए तो अभी चंद महीने पहले गुजरा है। ग्रेहाउंड में नींद वाली टिप काम आएगी ?

  4. Anonymous

    अमित श्रीवास्तव जी की लेखनी वास्तव में प्रभावित करने वाली है क्योंकि पुलिस की नौकरी में यह एकमात्र ऐसे लेखक हैं जो सिस्टम के अंदर छुपा सच बड़ी मासूमियत अपने शब्दों में उजागर करते हैं आशा है काफल ट्री भविष्य में इनके नए लेखों तक हमको पहुंचाएगा

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