बाबू रामसिंह पांगती जोहार की उन महान विभूतियों में से एक थे जिन्होंने इस क्षेत्र के तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों, अन्धविश्वासों और डगमगाती अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाने का बीड़ा उठाया था. उनका जन्म जोहार के उस सम्पन्न परिवार में हुआ था ज... Read more
इजा कहती हैं कि मैं जब पेट में था तो कभी स्थिर नहीं रहा. जब मैं नौ महीने बीत जाने पर भी पैदा नहीं हुआ तो घर में घबराहट शुरू हो गई. पिता जी कहा करते थे कि इस बार भागा की मतारी का बचना मुश्किल ही है. लेकिन मैं हुआ 11वें महीने में और […] Read more
पिथौरागढ़ चम्पावत में बोये जाने वाले धान की कुछ किस्मों का संक्षेप में वर्णन किया जा रहा है, जिससे धान की किस्मों में व्याप्त विविध गुणों के आधार पर उनके प्रयोग की जानकारी इंगित होती है.(Types of Rice in Uttarakhand Kumaun) साल यह धान पिथौरागढ़ क्षेत... Read more
पिथौरागढ़ में रामलीला सन 1897 से लगातार हो रही है. भीमताल के देवीदत्त मकड़िया को यहां रामलीला शुरू कराने का श्रेय जाता है. वे सोर के परगनाधिकारी मंडलाधीश कहलाते थे. शुरुआत में एक कामचलाऊ रामलीला कमेटी बनाई गयी. चिटगल-गंगोलीहाट के केशव दत्त पंत इसके प्र... Read more
पिथौरागढ़ की रामलीला में सबसे लंबे समय तक एक ही पात्र का अभिनय करने का कीर्तिमान संभवतः कल्लू चाचा उर्फ़ खुदाबख्श के नाम होगा. कल्लू चाचा ने किशोरावस्था से बुढ़ापे तक एक ही पात्र किया – शूर्पणखा का. गोश्त का कारोबार करने वाले खुदाबख्श की दुकान चंच... Read more
बस्कोट (नेपाल) में जन्मे झूसिया दमाई (जन्म: 1910, मृत्युः 16 नवम्बर 2005) जितने नेपाल के थे उतने ही भारत के भी और जितने भारत में फैले हैं उतने ही नेपाल में भी. उनकी रिश्तेदारी, जाति-बिरादरी दोनों देशों में समान रूप से है. स्वयं उनके कुछ विवाह भारत मे... Read more